डॉन के साथ भतीजे ने की गुफ्तगू, बनारस के बाद अब यहां हो सकता है राजनितिक 'तख्तापलट'
पीएम के संसदीय क्षेत्र बनारस में जिला पंचायत अध्यक्ष का तख्तापलट की कोशिशों के बाद भाजपा के नेता किस जिले को अपना निशाना बनायेंगे इसे लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। कयासों के दौर शुरू हो गए हैं।
मिर्जापुर। पीएम के संसदीय क्षेत्र बनारस में जिला पंचायत अध्यक्ष का तख्तापलट की कोशिशों के बाद भाजपा के नेता किस जिले को अपना निशाना बनायेंगे इसे लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। कयासों के दौर शुरू हो गए हैं। राजनीतिक जानकारों की माने तो बनारस के बाद बीजेपी चंदौली और मिर्जापुर के जिला पंचायत में बड़ा उलटफेर करने की तैयारियों में जुट गई है। इन जिलों में भी तख्तापलट करने की संभावनाएं बल लेने लगी हैं। बनारस मिर्जापुर और चंदौली जिले में इस समय डॉन बृजेश सिंह का का गुट हावी है। चंदौली के सैयदराजा से विधायक उनके सुशील सिंह तख्तापलट की गुणागणित में जुट गये है। पेशी पर आए बृजेश सिंह और उनके भतीजे सुजीत सिंह डॉक्टर के बीच लंबी गुफ्तगु भी हुई। इससे कयासों का दौर तेज हो गया।
आलाकमान
से
हरी
झंडी
का
इंतजार
सूत्रों
के
मुताबिक
चंदौली
और
मिर्जापुर
में
तख्तापलट
की
स्क्रिप्ट
लिखी
जा
चुकी
है।
अब
इंतजार
सिर्फ
आलाकमान
का
है।
लखनऊ
से
हरी
झंडी
मिलते
ही
इन
जिलों
में
भी
जिला
पंचायत
अध्यक्षों
के
खिलाफ
बीजेपी
अविश्वास
प्रस्ताव
ला
सकती
है।
हालांकि
मामला
चंदौली
को
लेकर
फँस
गया
है।
चंदौली
जिला
पंचायत
पर
फिलहाल
सपा
का
कब्जा
है।
सपा
की
सरिता
सिंह
फिलहाल
अध्यक्ष
हैं।
सरिता
पूर्व
जिला
पंचायत
अध्यक्ष
छत्रबलि
सिंह
की
पत्नी
हैं।
सूत्रों
के
मुताबिक
कपसेठी
हाउस
भले
ही
जोड़तोड़
कर
सपा
और
बसपा
सदस्यों
को
अपनी
ओर
मिला
ले
लेकिन
बीजेपी
के
एक
राष्ट्रीय
नेता
का
आशीर्वाद
छत्रबलि
सिंह
के
साथ
है।
इस
नेता
ने
छत्रबलि
सिंह
को
तख्तापलट
जैसी
किसी
घटना
को
लेकर
आश्वस्त
किया
है।
मिर्जापुर
में
भी
राह
नहीं
होगी
आसान
भाजपा
के
निशाने
पर
मिर्जापुर
जिला
पंचायत
भी
है।
मिर्जापुर
को
लेकर
खासतौर
से
कपसेठी
हाउस
ज्यादा
सक्रिय
है।
मिर्जापुर
जिला
पंचायत
पर
सुशील
सिंह
के
सियासी
दुश्मन
बाहुबली
विनीत
सिंह
की
पत्नी
प्रमिला
सिंह
का
कब्जा
है।
इस
मसले
को
लेकर
गुरुवार
को
पेशी
पर
आए
बृजेश
सिंह
और
उनके
भतीजे
सुजीत
सिंह
डॉक्टर
के
बीच
लंबी
गुफ्तगु
भी
हुई।
खबरों
के
मुताबिक
कपसेठी
हाउस
के
लिए
मिर्जापुर
का
किला
फतह
करना
आसान
नहीं
होगा।
संख्या
बल
में
विनीत
का
पलड़ा
बेहद
भारी
है,
इनमें
से
अधिकांश
सदस्य
विनीत
से
सीधे
जुड़े
हैं।