सीतापुर में सीएम योगी के आने के बाद भी नहीं 'सुधरे' कुत्ते, आदमखोरों ने फिर महिला और बच्चे पर किया हमला
सीतापुर। आदमखोर कुत्तों के हमले में सीतापुर में कई मासूमों की जान जा चुकी है। प्रशासन और स्थानीय लोगों द्वारा कई कुत्तों को मौत के घाट उतारने के बाद भी घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। 12 घंटे के अंदर कुत्तों ने मासूम व एक महिला पर हमला कर घायल किया। कस्बे में आदमखोर कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थानीय लोगों और पुलिस ने उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया है जहां उनका उपचार चल रहा है। ग्रामीणों ने एक आदमखोर कुत्ते को मार डाला। जिला प्रशासन लगातार कॉम्बिंग और अभियान चलाकर कुत्तों को पकड़ने का दावा करता है, लेकिन लगातार हो रही कुत्तों के हमले से वारदातों ने जिला प्रशासन की नींद उड़ा रखी है।
कुत्तों
ने
12
घंटे
में
दो
को
बनाया
अपना
शिकार
खैराबाद
थाना
क्षेत्र
में
पिछले
16
दिनों
में
8
मासूम
की
मौत
से
कस्बे
में
सन्नाटा
पसरा
है।
जिधर
देखो
उधर
ही
कुत्तों
के
आतंक
से
लोग
डरे-सहमे
घरों
में
बैठे
दिखाये
देते
हैं।
पहली
घटना
खैराबाद
के
सुजावलपुर
गांव
की
है।
यहां
की
रहने
वाली
60
वर्षीय
शिवरानी
अपने
आम
के
बाग
में
बैठकर
बाग
की
रखवाली
कर
रही
थी।
तभी
3
आदमखोर
कुत्तों
के
एक
झुंड
ने
महिला
पर
हमला
बोल
दिया।
महिला
पर
हमले
के
बाद
महिला
की
चीख-पुकार
सुनकर
ग्रामीणों
ने
कुत्तों
को
दौड़ाया।
महिला के जख्मी होने के 12 घंटे बाद दूसरी वारदात खैराबाद थाना क्षेत्र के बन्नी शरायपुर गांव की है। यहां के निवासी शोएब का 9 वर्षीय पुत्र काशिफ बाग में आम बीनने गया था जहां कुत्तों के एक झुंड ने उस मासूम पर हमला बोल दिया। बाग में मौजूद परिजनों ने कुत्तों को दौड़ाया तब जाकर कुत्ते मासूम को छोड़कर भाग निकले। परिजनों ने पुलिस को सूचना देकर मासूम को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसका उपचार चल रहा है।
जिला
प्रशासन
के
लिए
चुनौती
बनते
जा
रहे
कुत्ते
आदमखोर
कुत्तों
के
हमले
में
12
बच्चों
की
मौत
के
बाद
सूबे
से
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
ने
सीतापुर
का
दौरा
किया
और
मृतक
बच्चों
के
परिजनों
और
घायल
मासूमों
से
मुलाकात
की
थी।
सीएम
ने
मृतकों
के
परिजनों
को
2-2
लाख
की
आर्थिक
सहायता
प्रदान
करने
का
एलान
किया
था।
सीएम
ने
अधिकारियों
के
साथ
बैठक
कर
यह
निर्देश
दिए
थे
कि
गांवों
में
गांव
सुरक्षा
समिति
बनाकर
कुत्तों
से
प्रभावित
इलाके
में
कॉम्बिंग
कर
उन्हें
दहशत
से
निजात
दिलाई
जाएगी।
सीएम
के
जाने
के
बाद
जिला
प्रशासन
के
दावे
हवा-हवाई
साबित
होते
नजर
आने
लगे।
प्रशासन
के
इस
रवैये
से
ग्रामीणों
में
काफी
आक्रोश
है।