पोस्टमॉर्टम हाऊस में 5 दिन पड़ी रही लाश, फरिश्ता बने डॉक्टर ने किया अंतिम संस्कार
सुल्तानपुर। मरना तो हर व्यक्ति को है, बस इस कलयुग में प्रार्थना ये करें कि बेबसी-लाचारगी में मौत न आए। अगर डाक्टर आशुतोष जैसा सज्जन मिल गया तो अंतिम संस्कार मुमकिन हैं। भूल से कहीं अंजान जगह मौत आ गई तो सरकारी सिस्ट्म उस वक़्त तक अंतिम संस्कार नहीं करा सकता जब तक की लाश में कीड़े न पड़ जाए।
सुल्तानपुर ज़िले के पोस्टमॉर्टम में रोंगटे खड़े करनी वाली तस्वीर सामनें आई है, जहां सिस्ट्म की लापरवाही के चलते मानवता को शर्मसार कर दिया था। 9 अगस्त को एक लावारिस व्यक्ति की दुर्घटना में मौत हो गई थी और पांच दिनों तक उसकी लाश पोस्टमॉर्टम के अभाव में मर्चरी में पड़ी सड़ती रही, पर किसी का दिल नही पसीजा।
लावारिसी के आलम में पड़ी लाश में कीड़े पड़ गए, लेकिन जिला प्रशसन व जिला अस्पताल प्रशासन का ज़मीर मुर्दा रहा। पांच दिनों में प्रशासन द्वारा लाश का न ही पंचनामा करवाया गया और न ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। अपनी इस घिनौनी करतूत पर जिले के आलाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए।
सोमवार को जैसे-तैसे पोस्टमॉर्टम हुआ और भी इंसानियत की पाठशाला में मानवता का पाठ पढ़कर आए डाक्टर आशुतोष श्रीवास्तव ने हिन्दू रीति-रिवाज के साथ हथिया नाला पर शव का अंतिम संस्कार कर परिवार धर्म निभाया।