डायरिया ने पसारा अपना पैर, 48 घंटे में मासूमों समेत गई एक के बाद एक 6 जिंदगियां
तराई में मौसम पल-पल बदल रहा है, गर्मी बढ़ने लगी है। सूरज की तपिश के बीच संक्रामक रोग का प्रकोप भी शुरू हो गया है। स्थिति ये है कि बीते दिनों की अपेक्षा प्रतिदिन रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
बहराइच। तराई में मौसम परिवर्तन के बीच बुखार से मौत का सिलसिला तेज हो गया है। 48 घंटे में इलाज के दौरान मासूम समेत 6 की मौत हो गई। जबकि विभिन्न संक्रामक रोगों से पीड़ित और 20 लोग भर्ती हुए हैं। इनमें चार रोगियों की हालत नाजुक बताई जा रही है। तराई में मौसम पल-पल बदल रहा है, गर्मी बढ़ने लगी है। सूरज की तपिश के बीच संक्रामक रोग का प्रकोप भी शुरू हो गया है। स्थिति ये है कि बीते दिनों की अपेक्षा प्रतिदिन रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सबसे ज्यादा डायरिया और बुखार कहर बरपा रहे हैं।
फखरपुर के अकबरपुर गांव निवासी अंकुश को दो दिन पहले बुखार के साथ उल्टी-दस्त की शिकायत हुई थी। परिवारजनों ने गांवों में इलाज कराया लेकिन लाभ न होने पर जिला अस्पताल पहुंचाकर भर्ती किया गया। यहां पर इलाज के दौरान अंकुश ने दम तोड़ दिया। वहीं हरदी के पचदेवरी निवासी रंजीत मेहरबान नगर, वैष्णवी को भी बुखार और उल्टी-दस्त की शिकायत हुई। परिवारजनों ने जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड आईसीयू में भर्ती कराया था। लेकिन इलाज के दौरान दोनों माासूमों ने दम तोड़ दिया। वहीं दरगाह के गुलामअलीपुरा निवासी रियासत खान की पत्नी बिट्टी ने बेटी को जन्म दिया। लेकिन जन्म के कुछ देर बाद उसकी हालत बिगड़ गई। चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू हुआ लेकिन कुछ देर बाद मासूम ने दम तोड़ दिया।
उधर महसी के बंधा निवासी तुलसी की एक वर्षीय बेटी को भी उल्टी-दस्त की शिकायत पर स्थानीय चिकित्सकों के यहां पहुंचाया गया। इलाज के दौरान हालत बिगड़ने पर निजी चिकित्सक ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन अस्पताल पहुंचते ही मासूम की मौत हो गई। उधर विभिन्न संक्रामक रोगों से ग्रसित और 20 रोगी भर्ती हुए हैं। इनमें कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।
डायरिया के लक्षण
बुखार
के
साथ
बदहजमी
की
शिकायत
होना
भूख
न
लगना,
मिचली
आना
मिचली
के
साथ
पतले
दस्त
की
शिकायत
होना
कभी-कभी
उल्टी-दस्त
की
एकसाथ
समस्या
होना
बचाव के उपाय
डायरिया
होने
की
दशा
में
शिकंजी
का
घोल
निरंतर
पिलाएं
डायरिया
के
साथ
बुखार
होने
पर
माथे
पर
पानी
की
भीगी
पट्टी
रखें
तली-भुनी
चीजों
से
पूरी
तरह
परहेज
करें
बासी
खाना
या
नाश्ते
का
प्रयोग
न
करें
योग्य
चिकित्सक
से
इलाज
कराएं
काफी
गंभीर
हालत
में
आए
थे
रोगी
बुखार और डायरिया से ग्रसित जिन रोगियों की जिला अस्पताल में मौत हुई है। उन सभी का इलाज परिवारजनों ने स्थानीय स्तर पर पहले चिकित्सकों से करवाई थी। हालत बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सभी की स्थिति काफी गंभीर थी। बेहतर इलाज कर जिंदगी बचाने की कोशिश की गई लेकिन पहले ही हालत इतनी गंभीर हो चुकी थी कि सुधार नहीं हुआ।
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