मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन के गोदाम पर डिप्टी सीएम ने मारा छापा, 16 करोड़ की मिली एक्सपायर्ड दवाइयां
लखनऊ, 20 मई: सरकारी अस्पतालों से गरीबों को फ्री में मिलने वाली दवाईयां गोदाम में रखी-रखी एक्सपायर हो गई। इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ, जब प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सरकारी मेडिकल सप्लाई कॉर्पेरेशन के गोदाम में छापा मारा। डिप्टी सीएम के छापेमारी के दौरान गोदाम में 16 करोड़ 40 लाख 33 हजार रुपये की एक्सपायरी दवाएं मिली, जो अस्पतालों में भेजी ही नहीं गई थीं। अब डिप्टी सीएम ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए आदेश दिए है। साथ ही, 3 दिन में इसकी प्राथमिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शुक्रवार 20 मई को राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित सरकारी मेडिकल सप्लाई कॉर्पेरेशन के गोदाम पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मानक अनुरूप दवाइयों की उपलब्धता व सप्लाई रिपोर्ट का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कंप्यूटर से जब एक्सपायर्ड दवाइयों की सूची निकाली गई तो पाया गया कि 16 करोड़ 44 लाख से ज्यादा की दवाईयां एक्सपायर्ड हो गई जो गोदाम में थी। इसके बाद वीडियोग्राफी कराई और डॉक्यूमेंट जब्त किए। गोदाम पर मिली अव्यवस्थाओं के बाद डेप्युटी सीएम का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया।
उन्होंने कहा कि जनता के पैसे की बर्बादी का हिसाब जिम्मेदार अफसरों से किया जाएगा। एक-एक पाई का हिसाब लिया जाएगा। इस दौरान करोड़ों रुपये की एक्सपायर दवाइयों को देखकर तत्काल जांच के आदेश देते हुए समिति का गठन किया। वहीं, 3 दिनों में जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। जिसकी भी जिम्मेदारी तय होगी हम उसके ख़िलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।
ब्रजेश पाठक बोले- यह वेयर हाऊस है या सीमेंट की दुकान
निरीक्षण के दौरान ब्रजेश पाठक ने दवाइयों के गत्ते से खुद दवा निकाली और उसकी एक्सपायरी चेक की। पैक से निकले इंजेक्शन को देखकर उन्होंने कहा कि इसमें लिखा है कि इसे कूल और ड्राई प्लेस में रखना है। यहां तो पूरा सीमेंट की दुकान जैसा माहौल है। यह वेयर हाऊस है या सीमेंट की दुकान। इन दवाइयों से किसी की जान बचानी है या जान लेनी है।
लोहिया अस्पताल में भी मिली थी एक्सपायर दवाइयां
इससे पहले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने 12 मई को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान करीब 2 लाख 40 हजार 668 रुपए ज्यादा की एक्सपायर दवाओं का जखीरा पकड़ा था। यह दवाएं न तो मरीजों को दी गईं न उन्हें विभाग को वापस किया गया था। पड़े-पड़े एक्सपायर हो गईं। डिप्टी सीएम ने इस हीलाहवाली के लिए कड़ी नाराजगी जताई और चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव को जांच करने का आदेश दिए थे।