देवरिया कांड: हाईकोर्ट ने मांगी विजिटर गाइडलाइन, पूछा- किसकी परमिशन से मिले बाहरी लोग
इलाहाबाद। देवरिया शेल्टर होम मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुये बाहरी लोगों के लड़कियों से मिलने पर कड़ी नाराजगी जताई है। साथ ही सरकार से शेल्टर होम की विजिटर गाइडलाइन पेश करने को कहा है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूछा है कि आखिर किसकी अनुमति से बाहरी लोगों को लड़कियों से मिलने दिया जाता था? इस बारे में सरकार की ओर से कोई संतुष्ट जवाब न दिए जाने पर हाईकोर्ट ने कहा कि वह विजिटर गाइडलाइन को लंच के बाद कोर्ट में से पेश करें और इस पर स्थिति स्पष्ट करें। गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता डॉ पद्मा सिंह व अनुराधा की जनहित याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले ने सुनवाई शुरू की तो सरकार की ओर से इस प्रकरण पर हुई पुलिस व प्रशासनिक कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपी गई।
सरकार
की
ओर
से
क्या
दिया
गया
जवाब
पिछली
सुनवाई
के
दौरान
हाईकोर्ट
ने
अपनी
गहरी
नाराजगी
जताते
हुए
सरकार
की
कार्रवाई
को
ठीक
नहीं
माना
था
और
फटकार
लगाते
हुए
20
अगस्त
को
होने
वाली
यानी
आज
होने
वाली
सुनवाई
में
पूरी
विस्तृत
रिपोर्ट
देने
को
कहा
गया
था।
इस
मामले
में
आज
जब
सुनवाई
शुरू
हुई
तो
राज्य
सरकार
की
ओर
से
तत्कालीन
डीएम
सुजीत
कुमार,
एसपी
रोहन
पी
कनय,
तत्कालीन
सीओ,
थानाध्यक्ष
व
विवेचक
को
निलंबित
किए
जाने
की
जानकारी
दी
गई।
साथ
ही
लापरवाह
पुलिसकर्मियों
के
खिलाफ
विभागीय
जांच
की
भी
रिपोर्ट
सौंपी
गई।
राज्य
सरकार
ने
इसे
अपनी
कार्रवाई
के
तौर
पर
कोर्ट
के
समक्ष
रखा
है।
हालांकि,
इस
मामले
में
लंच
के
बाद
फिर
से
सुनवाई
होगी।
जिसके
बाद
हाईकोर्ट
अपना
रुख
साफ
करेगा।
याद
दिला
दें
कि
देवरिया
के
मां
विंध्यवासिनी
बालिका
गृह
में
कुछ
बच्चियों
के
शोषण
का
मामला
सामने
आया
था।
जिस
पर
जांच
के
बीच
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
जनहित
याचिका
दायर
की
गई
है।
उसी
पर
इलाहाबाद
होईकोर्ट
सुनवाई
कर
रही
है।
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