देवरिया शेल्टर होम कांड: 42 में 24 लड़कियां ही मिलीं, आखिर कहां हैं बाकी 18?
देवरिया।
बिहार
के
मुजफ्फरनगर
जैसा
मामला
बिहार
के
देवरियां
शेल्टर
होम
में
प्रकाश
में
आने
के
बाद
अभी
भी
18
बालिकाओं
का
कहीं
अता-पता
नहीं
चल
रहा
है।
पुलिस
बालिका
गृह
से
लापता
बालिकाओं
की
खोजबीन
में
लगा
है।
छापेमारी
में
24
बालिकाएं
मिली
थी।
रजिस्ट्रर
में
42
बालिकाओं
के
होने
की
जानकारी
मिली
थी।
इसके
बाद
लापता
18
बालिकाओं
का
पता
नहीं
चल
रहा
है।
सवाल
उठ
रहा
है
कि
बच्चियां
अचानक
से
लापता
कहां
लापता
हो
गईं।
आशंका
जताई
जा
रही
है
कि
बालिकाएं
कहीं
ये
उन
लक्ज़री
कार
वालों
के
साथ
तो
नहीं
भेजी
गईं
थी
जो
छापेमारी
के
बाद
वापस
न
आ
सकी।
10
वर्ष
की
बच्ची
पहुंची
थाने
तो
हुआ
खुलासा
देवरिया
के
मां
विंध्यवासिनी
महिला
एंव
बालिका
संरक्षण
गृह
से
निकली
10
वर्ष
की
बच्ची
ने
थाने
पहुंच
कर
अपनी
आपबीती
सुनाई
थी।
बताया
था
कि
रोज
रात
में
बड़ी-बड़ी
कार
आती
थी
और
दीदी
लोग
उसमें
जाती
थीं।
जब
ये
लोग
आती
थीं
वापस
तो
बहुत
रोती
थीं।
पूछने
पर
कुछ
बताती
नहीं
थी।
बच्चियों
के
बयान
ने
साफ
जतला
दिया
था
कि
शेल्टर
होम
में
रहने
वाली
बच्चियों
के
साथ
कुछ
अनैतिक
जरूर
हो
रहा।
पुलिस
प्रशासन
ने
भी
देह
व्यापार
कराए
जाने
की
बात
स्वीकारी
थी।
ऐसे
में
इससे
इनकार
नहीं
किया
जा
सकता
कि
लापता
बच्चियां
कहीं
किसी
चंगुल
में
न
हो।
छापेमारी
में
42
में
24
लड़कियां
ही
हुई
बरामद
पुलिस
की
छापेमारी
में
शेल्टर
होम
की
42
में
24
लड़कियों
को
ही
बरामद
हुई।
रजिस्टर
में
दर्ज
रिकार्ड
के
अनुसार
18
बालिकाएं
और
होनी
चाहिए
जो
नहीं
मिल
सकी
हैं।
आशंका
जता
रहे
कि
बच्चियों
को
जब
रोज
कहीं
भेजा
जाता
था
तो
संभव
है
कि
रविवार
को
भी
छापेमारी
के
पहले
18
बच्चियों
को
कहीं
भेज
दिया
गया
हो।
अब
जब
कार्रवाई
हो
गई
तो
डर
के
मारे
लोग
उनको
अपने
पास
ही
रखे
हुए
हैं
या
बंधक
बनाए
हुए
हैं।
फिलहाल
सच
क्या
है
यह
उन
लापता
बच्चियों
के
मिलने
पर
ही
पता
लग
सकेगा।
वह
बच्चियां
ही
बता
सकती
हैं
कि
उनको
कहां
ले
जाया
जाता
था,
किसके
साथ
ले
जाया
जाता
था।
क्या
सलूक
उनके
साथ
किया
जाता
था।
पुलिस
उनकी
तलाश
में
जुटी
है।
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