मुसलमानों के आदर्श नहीं है जिन्ना, AMU में फोटो हटा लेनी चाहिए: देवबंदी उलेमा
सहारनपुर। जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने जिन्ना को अपना आदर्श नहीं माना और न ही उनके द्विराष्ट्र सिद्धांत का समर्थन किया। इसलिए जिन्ना की तसवीर ऐसा मुद्दा नहीं है जिसके लिए एएमयू छात्र अपने सम्मान व जान का बलिदान दें। साथ ही मौलाना ने निहत्थे छात्रों पर प्रशासन द्वारा लाठियां बरसाने की भी कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इस कृत्य को लोकतंत्र के खिलाफ बताया।
मौलाना महमूद मदनी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वर्तमान हालात पर चिंता व्यक्त की। मौलाना ने दो टूक कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना को हमारे बुजुर्गों ने कभी अपना रहबर नहीं माना। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण उनके द्विराष्ट्र सिद्धांत को सिरे से खारिज करना है। इसके बावजूद सिर्फ तस्वीर को बहाना बनाकर जिस तरह से विरोध प्रदर्शन हुआ और प्रशासन द्वारा निहत्थे छात्रों पर लाठियां बरसाई गयी इसे लोकतांत्रिक देश में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। देश के एक बड़े विश्वविद्यालय को इस तरह निशाना बनाया जाना बेहद निदंनीय है।
मौलाना मदनी ने कहा कि निजी समूहों द्वारा शक्ति का उपयोग देश को अराजकता और बर्बादी की ओर ले जाएगा, यह बहुत ही दुख की बात है कि राष्ट्रीय हित की अनदेखी कर ऐसे तत्वों को देश के कुछ प्रभावशाली लोग पोसने का काम कर रहे हैं। जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश की बदनामी हो रही है। उन्होंने एएमयू के छात्रों से अपील करते हुए कहा कि अपने धर्मनिरपेक्ष परंपराओं का दामन मजबूती से पकड़े रहें। वर्तमान समय में साम्प्रदायिक ताकतें मूल मुद्दों से देश का ध्यान हटाना चाहती हैं। क्या आप भी यही चाहेंगे कि वह अपने लक्ष्य में सफल हो जाए।
मौलाना ने कहा कि अगर आप लोग साम्प्रदायिक ताक़तों को विफल करना चाहते हैं तो आप को इस मुद्दे पर जिद छोड़ देनी चाहिए और वहां से तस्वीर हटा लेनी चाहिए। कहा कि एएमयू के छात्रों को यह समझना चाहिए कि यह एक षड्यंत्र है और षड्यंत्र को नाकाम करना ही अक्लमंदी है।
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