उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

तीन तलाक पर शरीयत के खिलाफ कोई फैसला नहीं मानेगा देश का मुसलमान: उलेमा

'सरकार को चाहिए कि वो कोई भी कानून बनाने से पहले शरीयत के जानकारों से राय जरूर लें ताकि शरीयत इस्लाम और देश के कानून में टकराव से बचा जा सके।'

By Gaurav Dwivedi
Google Oneindia News

सहारनपुर। तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने के लिए सरकार द्वारा तैयार किए गए बिल पर मोदी केबिनेट की हरी झंडी को उलेमा ने 'सबका साथ सबका विकास' नारे के खिलाफ बताया है। उलेमा ने चेताया कि सरकार को कोई भी कानून बनाने से पहले शरीयत के जानकारों से राय मशवरा अवश्य करना चाहिए क्योंकि शरीयत के खिलाफ देश का मुसलमान कोई फैसला नहीं मानेगा। उच्चतम न्यायालय द्वारा तीन तलाक को गैर कानूनी करार दे दिए जाने के बाद अब सरकार तीन तलाक देने वालों को सख्त सजा देने की तैयारी में लगी हुई है। जिसके लिए कानून बनाने की प्रकिया जारी है। उलेमा द्वारा बार-बार बिल का मसौदा मुस्लिम दानिशवरों को दिखाने की मांग को दरकिनार करते हुए शुक्रवार को सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने के लिए तैयार किए गए बिल को केबिनेट के सामने पेश कर दिया, जिसे एक स्वर में मोदी केबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी। अब इस बिल को शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा।

'खुद के नारे के खिलाफ है सरकार'

'खुद के नारे के खिलाफ है सरकार'

कैबिनेट द्वारा बिल को मंजूरी दे दिए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तंजीम उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना नदीमुल वाजदी ने कहा कि ये सरकार 'सबका साथ सबका विकास' के नारे के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो कोई भी कानून बनाने से पहले शरीयत के जानकारों से राय जरूर लें ताकि शरीयत इस्लाम और देश के कानून में टकराव से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि तीन तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं का बड़ा वर्ग मुस्लिम पर्सनल लॉ के साथ खड़ा है।

फैसले से नाराज दारुल उलूम देवबंद

फैसले से नाराज दारुल उलूम देवबंद

वहीं, मुसलमानों की आस्था के केंद्र दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बार्ड के साथ खड़े रहने का ऐलान कर चुके हैं। इसके बावजूद यदि सरकार जल्दबाजी में तीन तलाक पर कोई कानून लाती है तो सरकार और उलेमा में टकराव बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

'किसी कीमत पर नहीं मानेगा मुसलमान'

'किसी कीमत पर नहीं मानेगा मुसलमान'

जामिया कासमिया दारुल तालीम वल सना के मोहतमिम मौलाना इब्राहीम कासमी, देवबंद इंस्टीट्यूट ऑफ इस्लामिक थोट के अध्यक्ष आतिफ सुहैल सिद्दीकी और तंजीम अब्नाएं दारुल उलूम के महासचिव मुफ्ती यादे इलाही कासमी ने भी मुस्लिम दानिशवरों को बिल का मसौदा दिखाए बिना केबिनेट की मंजूरी मिल जाने पर ऐतराज जताते हुए कहा कि तीन तलाक मुसलमानों का निजी मामला है और हर मुसलमान इस मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ खड़ा है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वो कोई ऐसा कदम ना उठाए जिससे टकराव की स्थिती पैदा हो, क्योंकि मुसलमान शरीयत के खिलाफ कोई भी फैसला किसी कीमत पर नहीं मानेगा।

<strong>Read more: ऐसे करें तो तुरंत Download होगा UPTET का रिजल्ट</strong>Read more: ऐसे करें तो तुरंत Download होगा UPTET का रिजल्ट

Comments
English summary
Deobandi Ulema angry from Cabinet Proposal on Triple Talaq
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X