भाजपा ने यूपी में तोड़ा जातीय समीकरण, हर जाति, गांव और शहर में भाजपा की धमक
उत्तर प्रदेश में कैसे भाजपा ने तोड़ा जातीय मिथक, पार्टी को किन जातियों के मिले वोट, शहरी और ग्रामीण वोट बैंक में भी भाजपा ने लहराया जीत का परचम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है और इस बहुमत के पीछे भाजपा की सबसे बड़ी जीत है कि उसने तमाम जातीय समीकरण को तोड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है। एक तरफ जहां भाजपा ने अगणी जातियों को अपने साथ करने की कोशिश की तो उसने गैर यादव व गैर दलित जातियों को भी अपने पक्ष में करने की जबरदस्त रणनीति बनाई जिसपर उसे सफलता मिली और पार्की को अकेले दम पर 313 सीटों जीत दर्ज की।
भाजपा को किस-किस जाति का मिला वोट
दलित-
84
फीसदी
ओबीसी-
78
फीसदी
सामान्य-
86
फीसदी
जाट-
90
फीसदी
यादव-
65
फीसदी
दलित वोटों का कुल बंटवारा
वहीं अगर इन वोटों के बंटवारे पर नजर डालें तो जिन पार्टियों का इन वोटों पर अधिकार माना जाता रहा है, इस बार के चुनाव ने सारे मिथक को तोड़ दिया है और परंपरागत वोट इन पार्टियों से दूर हो गए हैं।
दलित वोटों का कुल बंटवारा
भाजपा
के
खाते
में
41
फीसदी
सपा-कांग्रेस
को
26
फीसदी
बसपा
को
25
फीसदी
ओबीसी वोटों का बंटवारा
भाजपा
को
42
फीसदी
सपा-कांग्रेस
को
28
फीसदी
बसपा
को
23
फीसदी
सामान्य वोटों का बंटवारा
भाजपा
को
44
फीसदी
सपा-कांग्रेस
को
24
फीसदी
बसपा
को
21
फीसदी
जाट वोटों का बंटवारा
भाजपा
को
45
फीसदी
सपा-कांग्रेस
22
फीसदी
बसपा
को
21
फीसदी
यादव वोटों का बंटवारा
भाजपा
को
38
फीसदी
वोट
सपा-कांग्रेस
को
32
फीसदी
बसपा
को
22
फीसदी
खत्म हुआ शहरी पार्टी का टैग
भारतीय जनता पार्टी को शहरी पार्टी के तौर पर देखा जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा ने इस छाप से बाहर निकलने में सफलता हासिल की है। यूपी में एक तरफ जहां भाजपा ने शहर के 82 फीसदी वोट हासिल किए तो दूसरी तरफ भाजपा ने 80 फीसदी ग्रामीण वोटों पर भी अपना कब्जा किया। ऐसे में पार्टी शहरी पार्टी होने की छवि से बाहर निकलने में यूपी में सफलता हासिल की है।