स्कूल की छत गिर जाने से एक बच्चे की मौत, डीएम ने दिए जल्द जांच के आदेश
फर्रुखाबाद। 'पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया' ये बातें सिर्फ राजनैतिक जुमलेबाजी तक ही अच्छी लगती है। वास्तविकता में इसका पढ़ाई या छात्रों से कोई लेना देना ही नहीं है। आखिर कैसे पढ़ें छात्र जब उनके पास स्कूल, कॉपी, किताब या फिर एक सही सलामत छत ही ना हो फिर कैसे पढ़ेगा और बढ़ेगा इंडिया।
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में बीते दिनों कायमगंज के प्राथमिक विधालय में छज्जा गिरने से छात्र की मौत हो गई। प्रशासन की नींद भले ही देर से खुली है पर इस मामले पर कार्रवाई काफी तेजी से होने के आसार है। इस मामले को प्रशासन ने संज्ञान में ले लिया है, जिसकी आगे जांच शुरू हो चुकी है।
जिलाधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सन् 2000 से पूर्व एवं पश्चात जिन निर्मित हुए विद्यालयों की सूची बनाकर लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध कराने की बात कही है। साथ ही साथ ये भी कहा गया है कि जिन विद्यालयों की स्थिति जर्जर है उनकी भी सूचना विभाग को उपलब्ध करानी है। सूची प्राप्त होने के बाद संबंधित जे.ई, लोक निर्माण विभाग द्वारा मौके पर जाकर विद्यालयों के निर्माण कार्यों की मानकों के अनुसार पूर्ण जांचकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
वे विद्यालय जो कि कम समय में ही जर्जर स्थिति में है ऐसी दशा में संबंधित एफ.आई.आर कराने एवं वसूली करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि अगर एक सप्ताह के अन्दर जर्जर विद्यालयों की सूचना प्रस्तुत नहीं की गई तो संबंधित खण्ड शिक्षा अधिकारी के वेतन आहरण पर तत्काल रोक लगा दी जाएगी। किसी को बचाने की कोशिश न करे खण्ड शिक्षा अधिकारी अन्यथा होगी कार्रवाई। ऐसे विद्यालय जो कि जर्जर है उनमें बच्चों को नहीं पढ़ाया जाए। जर्जर विद्यालयों के बच्चों को पास के विद्यालयों में समायोजित करने के निर्देश दिए।