मुस्लिम महिलाओं के आइब्रो पर दारुल उलूम ने जारी किया फतवा, बिना इसके करेंगी निकाह!
अपनी समस्या का समाधान पूछा जा सकता है। दरअसल कुछ दिनों पहले सहारनपुर के ही रहने वाले एक व्यक्ति ने दारुल उलूम के फतवा विभाग से इस मुद्दे पर सवाल पूछा था।
सहारनपुर। एक ओर जहां हिंदू महिलाएं अपने सुहाग की सलामती के लिए करवाचौथ व्रत की तैयारी कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम महिलाओं के लिए दारुल उलूम की ओर से एक फतवा जारी किया गया है। इस फतवे के जारी होने के बाद मुस्लिम महिलाएं अपने सौंदर्य को लेकर पेशोपेश में नजर आ रही हैं। दारुल उलूम देवबंद की ओर से जारी फतवे में मुस्लिम महिलाओं को बाल कटवाना और आइब्रो बनवाने को नाजायज करार दिया गया है। दारुल उलूम की ओर से जारी होने वाले फतवों के लिए दारुल उलूम में विशेष तौर से एक फतवा विभाग तैयार है। इस विभाग को पत्र भेजकर या ऑन लाइन भी फतवा लिया जा सकता है। अपनी समस्या का समाधान पूछा जा सकता है। दरअसल कुछ दिनों पहले सहारनपुर के ही रहने वाले एक व्यक्ति ने दारुल उलूम के फतवा विभाग के सवाल कर जानकारी मांगी थी कि क्या उसकी पत्नी आइब्रो बनवा सकती है?
तो क्या बिना इसके ही होगा निकाह!
उस व्यक्ति ने बाल कटवाने को लेकर भी जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में दारुल उलूम के फतवा विभाग ने फतवा जारी करते हुए कहा कि इस्लाम में आइब्रो बनवाने और बाल काटने की इजाजत नहीं है। अगर कोई महिला ऐसा करती है तो वो इस्लाम के खिलाफ है। फतवा विभाग की ओर से ये तर्क दिया गया है कि महिलाओं के लिए जो दस प्रतिबंध बताए गए हैं, उनमें बाल काटना और आइब्रो बनवाना भी शामिल है। इतना ही नहीं फतवा में ये भी कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं के बाल महिलाओं की खूबसूरती होती है।
कैसे खुद को रोकेंगी महिलाएं?
फतवे के मुताबिक जब तक कोई बेहद मजबूरी ना हो, तब तक बाल नहीं कटवाने चाहिए। बगैर किसी मजबूरी के बाल कटवाना नाजायज है। मौलाना लुतफुर्रहमान सादिक कासमी मोहतमिम जामिया फातिमा जोहरा एग्लो अरबी ने इस फतवे की पुष्टि की है और फतवे को जायज ठहराया है। उनका कहना था कि दारुल को ये फतवा काफी पहले ही जारी कर देना चाहिए। उनके मुताबिक, मुस्लिम महिलाएं इन दिनों ब्यूटी पार्लर का काफी इस्तेमाल कर रही हैं, जो सही नहीं है। मौलाना ने आगे बताया कि जिस तरह पुरुषों का दाढ़ी कटवाना नाजायज है, उसी तरह महिलाओं का बाल कटवाना और आइब्रो बनवाना भी गलत है।
हल भी बता रहा है फतवा विभाग
उधर, महिलाओं की आइब्रो बनवाने और बाल कटवाने को लेकर दारुल उलूम से पहले भी फतवे जारी हो चुके हैं। करीब तीन साल पहले भी इस तरह का एक फतवा जारी हुआ था। देवबंद के मोइन सिद्दकी बताते हैं कि तीन साल पहले भी इस तरह का एक फतवा जारी हुआ था। दरअसल दारुल उलूम के फतवा विभाग से यदि कोई व्यक्ति अपनी इस्लामिक परेशानी के बारे में हल जानना चाहता है तो उसे इसकी जानकारी प्रदान की जाती है।
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