राम की आरती उतारने वाली महिलाओं को देवबंद का मुसलमान मानने से इंकार
नई दिल्ली। वाराणसी में दिवाली के मौके पर मुस्लिम महिलाओं द्वारा भगवान राम की आरती उतारे जाने पर नया विवाद खड़ा हो गया है। दारूम उलूम देवबंद के उलेमा ने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस्लाम अल्लाह के अलावा किसी और के आगे सर झुकाने की इजाजत नहीं देता है। ऐसा करने वाले मुसलमान नहीं हो सकते हैं। उन्होंने इन महिलाओं को भी अब मुसलमान मानने से इंकार कर दिया।
दारूम उलूम के उलेमा ने कहा कि इस्लाम में सिर्फ अल्लाह के आगे ही सर झुकाने की इजाजत है। अगर कोई मुसलमान अल्लाह के अलावा किसी और के आगे सर झुकाता है तो वो मुसलमान नहीं रह जाता है। फिर चाहें वो पुरुष हो या महिला। बता दें कि दिवाली के दिन वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम की आरती उतारी थी।
If anyone worships any god except Allah they don't remain Muslim-Ulema,Darul Uloom on Muslim women who performed aarti on Diwali in Varanasi pic.twitter.com/IgaLNcenGo
— ANI UP (@ANINewsUP) October 21, 2017
इन मुस्लिम महिलाओं की अगुवाई नाजनीन अंसारी ने की थी। नाजनीन ने बताया कि मैं हमेशा समाज के एकता के लिए कार्य करती रही हूं। भगवान राम को अपना पूर्वज बताते हुए नाजनीन ने कहा कि हम अपना धर्म या नाम भले बदल लें लेकिन अपने पूर्वज नहीं बदल सकते। हमने भगवान राम की आरती उतारने के साथ ही हनुमान चालीसा का पाछ भी किया था।
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