कोर्ट के इस आदेश के बाद बढ़ सकती हैं मुलायम सिंह की मुश्किलें
लखनऊ। एक बार फिर से सपा संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 10 जुलाई 2015 को आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को धमकाने के मामले में लखनऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) आनंद प्रकाश सिंह ने मुलायम को जांच में सहयोग देने को कहा है। लखनऊ जिला कोर्ट ने आदेश दिया है कि 20 दिनों के अंदर मुलायम सिंह यादव की आवाज का नमूना लिया जाए। कोर्ट ने कहा कि अगर मुलायम सिंह अपनी आवाज का नमूना देने में सहयोग नहीं करते तो यह माना जाएगा कि टेप में कैद आवाज उनकी है। कोर्ट ने मुलायम सिंह यादव से कार्रवाई में सहयोग करने को कहा है।
आईपीएस अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकाने का मामला
मालूम हो कि मुलायम सिंह यादव पर आईपीएस अमिताभ ठाकुर को धमकाने का आरोप लगा था। बतौर आईपीएस अमिताभ ठाकुर, यह धमकी उन्हें 10 जुलाई 2015 को मोबाइल पर दी गई थी। इस मामले में एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने 14 फरवरी 2018 को सीओ बाजारखाला के नेतृत्व में एक विशेष अन्वेषण टीम का गठन किया था किन्तु लेकिन मुलायम सिंह के सहयोग ने करने की वजह से अब तक आवाज़ के नमूने नहीं लिए जा सके। जिस पर अब कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए मुलायम सिंह को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है।
मुलायम नहीं कर रहे हैं सहयोग
मामले की सुनवाई के दौरान बाजारखाला सीओ अनिल कुमार यादव कोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होंने सीजेएम लखनऊ आनंद प्रकाश सिंह की कोर्ट में उपस्थित होकर मुलायम सिंह के आवाज का नमूना लेने के मामले में शीघ्र अनुपालन करने के संबंध में आख्या प्रस्तुत की। आख्या पर कोर्ट ने विवेचक को 20 दिन में आवाज का नमूना लेने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने मुलायम सिंह को इस प्रक्रिया में पूर्ण सहयोग देने के लिए भी कहा है। इस मामले में कोर्ट ने 20 अगस्त 2016 को विवेचक को मुलायम की आवाज़ का नमूना लेकर उसका मिलान करने के आदेश दिए थे लेकिन इस आदेश का अब तक अनुपालन नहीं हो सका है।
अभी तक नहीं हो पाया आवाज के नमूने का मिलान
सुनवाई के दौरान अमिताभ ठाकुर ने अदालत को बताया कि 10 जुलाई 2015 को मुलायम सिंह यादव ने फोन पर धमकी देकर परिणाम भुगतने को कहा था। इसकी रिपोर्ट कोर्ट के माध्यम से दर्ज हुई थी। इस मामले में अदालत ने 20 अगस्त 2016 को विवेचक को निर्देश दिया था कि वह आरोपी मुलायम सिंह यादव की आवाज का नमूना लेकर उसका मिलान करें लेकिन आदेश का अनुपालन अभी तक नहीं हो पाया है।
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