UP कांग्रेस में है गेमचेंजर नेताओं का टोटा ?, युवाओं की जगह पुराने वफादारों पर दांव लगा सकती है कांग्रेस
लखनऊ, 20 मई: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दो सीटों तक सिमटने के बाद पिछले दो महीनों में कांग्रेस को राज्य में ऐसा कोई नेता नहीं मिला है जो लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन में सुधार कर सके। इसलिए पार्टी अब अपने पुराने वफादारों पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है। यूपी कांग्रेस में अभी भी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो सकी है। जबकि पार्टी के अंदर प्रदेश अध्यक्ष के साथ चार कार्यकारी अध्यक्षों का फॉर्मूला भी तैयार किया जा रहा है। अजय कुमार लल्लू के इस्तीफे के बाद यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा नहीं हुई है, जबकि अन्य सभी राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं। कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो कांग्रेस को अब तक राज्य में ऐसा कोई चेहरा नहीं मिला है। जिस पर पार्टी दांव खेल सकती है।

कांग्रेस में गेमचेंजर नेताओं का पड़ा टोटा
पार्टी को बड़ी जीत दिलाने के लिए वह 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करेगी इसलिए अब पार्टी 70 साल पार कर चुके नेताओं पर दांव खेलने की तैयारी कर रही है. जबकि पिछले हफ्ते ही पार्टी ने चिंतन शिविर में युवाओं को सामने लाने का संकल्प लिया था। लेकिन समस्या यह है कि यूपी में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका की लाख कोशिशों के बाद संगठन जीत की राह पर नहीं लौट पा रहा है। हालांकि इसकी कई वजहें हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या कांग्रेस में गेमचेंजर नेताओं का टोटा हो गया है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही तलाश
प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर हंगामे में है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी किसी करिश्माई नेता को सौंपना चाहती है. ताकि पार्टी लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सके। हकीकत यह है कि कांग्रेस के पास गांधी परिवार के चेहरे हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस महासचिव भी हैं और वह राज्य प्रभारी भी हैं। लेकिन पिछले तीन साल में प्रियंका गांधी कोई करिश्मा नहीं दिखा पाई हैं। लोकसभा चुनाव में उन्हें राज्य में कमान सौंपी गई थी और 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी का पूरा हस्तक्षेप था और वह एक तरह से अमेठी और रायबरेली की प्रभारी थीं और उन्होंने हर तरह के फैसले लिए। लेकिन इसके बावजूद अमेठी सीट पर कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी ने पार्टी के घोषणापत्र से उम्मीदवारों के चयन में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन पार्टी सिर्फ दो सीटें ही जीत पाई थी।

यूपी में चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति पर मंथन
कांग्रेस राज्य में प्रदेश अध्यक्ष के साथ चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति करना चाहती है और इस निर्णय पर पहुंचने से पहले सभी पहलुओं की जांच कर रही है. कांग्रेस यह प्रयोग पंजाब और उत्तराखंड में चुनाव से पहले कर चुकी है। लेकिन उसे कोई फायदा नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के भीतर चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति के फार्मूले को लागू करने को लेकर चर्चा चल रही है। वहीं यूपी चुनाव के बाद कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है, जो अगले हफ्ते लखनऊ आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक वह यहां तीन से चार दिन तक रह सकती हैं। चर्चा यह भी है कि प्रियंका गांधी राज्य के नए अध्यक्ष की घोषणा करेंगी।

70 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को दे सकते हैं कमान
फिलहाल कांग्रेस को राज्य में पिछले दो महीने में ऐसा कोई नेता नहीं मिला है जो लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर कर सके. इसलिए पार्टी अब अपने पुराने वफादारों पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बना सकती है। वह इन कार्यकारी अध्यक्षों के पदों पर युवा नेताओं को नियुक्त कर सकती है। जबकि प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बुजुर्ग नेताओं की नियुक्ति की जा सकती है। इस समय प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया और निर्मल खत्री का नाम सबसे आगे चल रहा है। इन दोनों नेताओं ने 70 साल को पार कर लिया है। इसके साथ ही प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले प्रमोद कृष्णम को भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में बताया जा रहा है
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