PICs: वाराणसी में कांग्रेस ने मेयर पद पर उतारी फैशन डिजाइनिंग वाली अपनी खास प्रत्याशी
पूर्व राज्यसभा के उपसभापति और कट्टर कांग्रेसी कहे जाने वाले स्वर्गीय श्याम लाल यादव की छोटी बहू शालिनी यादव के नाम पर कांग्रेस ने अपनी मुहर लगाते हुए उन्हें महापौर का उम्मीदवार घोषित किया है।
वाराणसी। निकाय चुनाव में कांग्रेस ने अपने पत्ते खोलते हुए सूची जारी कर नौ जिलों के महापौर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। इन नौ उम्मीदवारों में वाराणसी नगर निगम के लिए कांग्रेस ने जिसे अपना प्रत्याशी घोषित किया है, ये वो परिवार है जिनका कांग्रेस ही नहीं बल्कि गांधी परिवार से कभी सीधा सरोकार हुआ करता था। दरअसल पूर्व राज्यसभा के उपसभापति और कट्टर कांग्रेसी कहे जाने वाले स्वर्गीय श्याम लाल यादव की छोटी बहू शालिनी यादव के नाम पर कांग्रेस ने अपनी मुहर लगाते हुए उन्हें महापौर का उम्मीदवार घोषित किया है। शालिनी का वैसे तो कुछ खास राजनीतिक सफर नहीं रहा है पर उनके पति अरुण यादव जरूर पार्टी में सीधी पकड़ रखते है। दरअसल इस बार के निकाय चुनाव में आयोग ने वाराणसी सिटी की महापौर पिछड़ी एवं महिला प्रत्याशी के लिए सुरक्षित की है। जिसके कारण उम्मीदवारों के घोषणा में पार्टी को कई कदम सोच समझने के बाद उठाना पड़ रहा है।
नए ख्यालों की है इस बार की उम्मीदवार
कांग्रेस पार्टी के सिम्बल पर महापौर जैसे महत्वपूर्ण पद पर अपना दावा करने वाली शालिनी यादव 7 नवम्बर को अपना नामांकन दाखिल करेंगी। वहीं यूपी के गाजीपुर की रहने वाली शालिनी की शादी स्व. श्यामलाल यादव के छोटे सुपुत्र अरुण यादव से हुई है। शालिनी इंग्लिश से बीए ऑनर्स करने के साथ ही लखनऊ से फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा कर चुकी हैं। शालिनी खुद के कसक संध्या कालीन अखबार से भी जुड़ी हुई हैं। वहीं सूत्रों की माने तो कांग्रेस और गांधी परिवार से अच्छे रिश्तों के कारण ही उन्हें मेयर के उम्मीदवार के लिए पार्टी ने चुना है।
पार्षदों की पहली सूची जारी होने पर हो चुका है घमासान
वहीं दूसरी ओर बनारस नगर निगम के 90 वॉर्डों के लिए चुने जाने वाले पार्षदों के नामों की घोषणा के लिए सीधे पार्टी हाईकमान के निर्देश का इंतजार है। जबकि नामांकन में महज 3 दिनों का ही समय शेष बचा हुआ है। यही नहीं इसी कारण प्रचार-प्रसार भी रुके हुए हैं कि आखिर किन वॉर्डों में उम्मीदवार कौन होगा? क्योंकि पहली सूची में जिन 37 पार्षद प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हुई थी, उसके बाद घमासान शुरू हो गया। पार्टी ने पुराने कार्यकर्ताओं ने रामपुरा वॉर्ड से अपने 50 समर्थकों के प्राथमिकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया तो बागहाड़ा के प्रत्याशी ने सपा का सदस्य बताते हुए पार्टी की किरकिरी कर दी। जिसके बाद कड़े रुख अख्तियार कर यहां से लोगों की रिपोर्ट मांगी गई है लेकिन नामों का फैसला पार्टी हाईकमान को करना है।
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