VIDEO: गौरक्षकों से डर मेरठ में दम तोड़ती गाय 'मोनी' को CM योगी ने दी संजीवनी
काफी दिन बीत जाने के बाद भी गाय का वही हाल था, जिसके बाद मामले के तूल पकड़े जाने पर गाय को जैसे-तैसे इलाज के लिए बरेली लाया गया है। जिस प्रशासन ने अब तक उसकी कोई सहायता नहीं की अब वो भी जैसे-तैसे सहायता कर रही है।
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गाय प्रेम किसी से छिपा नहीं है लेकिन यही प्रेम एक गाय की जान पर भारी पड़ रहा है। पिछले कई दिनों से बीमार गाय अब बेहतर उपचार के अभाव में अंतिम सांसे गिन रही है। गाय को बरेली के IVRI में उपचार को ले जाने के लिए पहले कोई तैयार नहीं था क्योंकि वाहन चालकों के मन में गौरक्षकों का डर था। गाय की मालकिन ज्योति का कहना था कि कोई उसकी गाय को इलाज के लिए अपने वाहन में इसलिए नहीं ले जा रहा है क्योंकि उनके मन में डर है कि गौरक्षक उन्हें पकड़कर पीटेंगे। इसके बाद ज्योति ने अपनी ये बात CM को ट्वीट कर बताई तो गाय 'मोनी' के बचने के अब कुछ आसार लग रहे हैं।
दरअसल, कंकरखेड़ा क्षेत्र के गांव लाला मोहम्मदपुर की रहने वाली ज्योति ठाकुर की गाय दो महीने पहले बीमार हो गई थी, उसके पैर की एक हड्डी टूट गई थी जिसके बाद सही उपचार ना होने पर गाय को लकवा मार गया। ज्योति काफी दिनों से उस बीमार गाय की सेवा में लगी हुई है, पशु चिकित्सकों को दिखाने के बावजूद भी मेरठ में उसका इलाज नहीं हो पा रहा है। पशु चिकित्सालय ने गाय का एक्सरे और बेहतर उपचार के लिए बरेली स्थित इंडियन डेरी रिसर्च इंस्टिट्यूट ले जाने की सलाह दी, ज्योति ने गाय को ले जाने के लिए वाहन की तलाश की लेकिन गौरक्षकों के डर से कोई भी गाय को लेकर बरेली जाने के लिए तैयार नहीं हुआ।
ज्योति ने मेरठ के जिला अधिकारी और प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन वहां से भी उसे मायूसी ही हाथ लगी। बाद में ज्योति ने सीधे मुख्यमंत्री को ट्वीट और मेल भेजकर मदद मांगी। इसके बाद मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव ने ज्योति से फोन पर बात की और मदद का आश्वासन दिया। कुछ देर बाद मेरठ के जिला पशु चिकित्सालय और सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विशेषज्ञों ने एक टीम उनके घर पर भेजी, जिसने गाय का एक्सरे किया और कुछ दवाई और इंजेक्शन देकर चले गए।
काफी दिन बीत जाने के बाद भी गाय का वही हाल था, जिसके बाद मामले के तूल पकड़े जाने पर गाय को जैसे-तैसे इलाज के लिए बरेली लाया गया है। जिस प्रशासन ने अब तक उसकी कोई सहायता नहीं की अब वो भी जैसे-तैसे सहायता कर रही है। ज्योति ने आरोप लगाया था कि प्रदेश सरकार गौ रक्षक के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां होती है तो देखने वाली बात ये है कि एक मां का इलाज अब कितना बेहतर तरीके से होगा जो अपनी आखिरी सांस गिन रही है।
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