देखिए यूपी के सीएम योगी का 'महंत' अवतार, गोरखपुर पहुंचकर किया भव्य हवन
गोरखपुर। शारदीय नवरात्र के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की। नाथ परंपरा के अनुसार अष्टमी में हवन सायंकाल में होता है, इसलिए शाम को अष्टमी लग जाने के कारण उन्होंने शस्त्र पूजन के साथ महानिशा पूजा कर हवन वेदी पर ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र और अग्नि देवता का आह्वान किया। हवन से पहले गोरक्षपीठाधीश्वर ने गौरी-गणेश, वरुण, पीठ, यंत्र, मां दुर्गा की विधिवत अर्चना की।
महानिशा पूजा की गई सपन्न
गोरखपुर मठ स्थित मां दुर्गा मंदिर में वैदिक मंत्रों के बीच हवन वेदी पर उगे (जमे) जई (जौ के पौधे) को काट गया। हवन वेदी पर ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र तथा अग्नि देवता का आह्वान कर श्री दुर्गा सप्तशती के सम्पूर्ण पाठ के साथ अष्टमी की विशेष महानिशा पूजा विधि विधान से सम्पन्न की गई। इसमें नारियल, गन्ना, केला, जायफर आदि का सात्विक बलि देकर योगी आदित्यनाथ ने शक्ति आराधना की। इसके बाद आरती एवं क्षमायाचना की गई और प्रसाद वितरण किया गया। अष्टमी की रात विशेष महानिशा पूजा कराई गई।
यश एवं ऐश्वर्य की होती प्राप्ति
इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''शारदीय नवरात्र पर महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती की समष्ठी रूप, अष्टभुजा दुर्गा के प्रत्यक्ष रूप से पूजन का विधान बताया गया है। इससे शारीरिक एवं मानसिक क्लेश दूर होते हैं। यश एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
शक्ति संग्रह का पर्व है नवरात्र
योगी गोरखनाथ मंदिर स्थित शक्तिपीठ में नवरात्र की सप्तमी और अष्टमी पर हवन-पूजन के बाद गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शारदीय नवरात्र शक्ति संग्रह का महापर्व है। इस नवरात्र में महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती की समष्ठी रूप, अष्टभुजा दुर्गा के प्रत्यक्ष रूप से विधिपूर्वक पूजन करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है।