यूपी में राम मंदिर बनेगा या नहीं, पढ़िए इस मुद्दे पर क्या कहती है योगी की कुंडली?
जिस वक्त योगी ने शपथ ग्रहण की, ग्रहों की दशा के अनुसार कर्क लग्न एवं वृश्चिक के नवांश में ये स्थिति मुद्दे को मजबूत बनाती है और भी कई वजहें ऐसी हैं जिनसे ये मुद्दा योगी के पक्ष में जाता दिख रहा है।
वाराणसी। सूबे ने युवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालते ही राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में आ चूका है। दरअसल विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के साथ ही उत्तर प्रदेश की जनता को एक बार फिर ये महसूस होने लगा है कि अबकी बार सुप्रीम कोर्ट में कई वर्षों से पेंडिंग चला आ रहा राम मंदिर विवादित मसला अब हल हो जाएगा।
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क्या है योगी की कुंडली में खास?
सुब्रह्मण्यम स्वामी के मस्जिद को सरयू नदी के पार बनाने की बात भी नई सरकार के आने के बाद सुर्खियों में तेजी से आई। ये सबसे महत्वपूर्व है की क्यों इतने सालों के बीच अधर में लटका ये मामला आखिरकार इतनी तेजी से सुर्खियों में आई तो वहीं अब माननीय न्यायाधीश ने इस मुद्दे को लेकर अपना सुझाव भी दिया हैं। दरसअल ये पूरा खेल ग्रहों का है जो उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुंडली में बैठा है। जिसकी वजह से ज्योतिषी ये मानते हैं की इस सरकार के मुखिया के कारण ये विवादित मामला अब सुलझ सकता हैं।
किस ग्रह की वजह है मंदिर मुद्दा चर्चा का विषय?
मोदी की काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय ने OneIndia से बात करते हुए बताया की 19 मार्च 2017 को जब योगी आदित्यनाथ ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला तो ये भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में अकल्पनीय घटना के रूप में दर्ज हो गया। ऐसे में जिस वक्त योगी ने शपथ ग्रहण की, ग्रहों की दशा के अनुसार कर्क लग्न एवं वृश्चिक के नवांश में ये स्थिति मुद्दे को मजबूत बनाती है। कर्क लग्न चर लग्न होने के कारण सरकार तेजी से अपने कार्यों का संचालन करेगी। लग्नेश बुद्धि स्थान में स्थिर राशि होने के कारण योगी जो भी निर्णय लेंगे वो काफी सोचा समझा और योजनाबद्ध तरीके का होगा। पराक्रम भाव में भाग्येश बृहस्पति का होना और क्योंकि धर्म भाव का स्वामी भी यही ग्रह होता है इसलिए मंदिर विषय अपनी संभावनाओं को मजबूती देता रहेगा। उच्चस्थ का शुक्र होने के कारण राम मंदिर का विवादित मसला हल होने की पूरी सभावना पढ़ी गई है। हालांकि इस भाव में व्ययेश बुध और द्वितीयेश सूर्य में होने से ये विवाद आसानी से हल नहीं होगा लेकिन यही ग्रह ऐसे चक्र बनाएंगे की दोनों पक्ष आपसी उदारता दिखाएंगे जिससे की ये मामला सुलझने की संभावना तेज दिख रही हैं।
शुक्र, मंगल, शनि क्या-क्या करा रहे हैं योगी से?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुंडली में शुक्र, मंगल, शनि का भी अहम रोल है जो प्रदेश के कई परिवर्तन में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। योगी की कुंडली में शुक्र होने के कारण ही उत्तर प्रदेश में महिलाओं से जुड़े हुए मद्दों पर सरकार कार्य कर रही है क्योकि कुंडली में स्त्रियों का कारक ग्रह शुक्र अपने उच्च राशि के त्रिकोण में स्थिर है। जिसके फलस्वरूप महिलाओं के प्रति अपराध, अत्याचार जैसे मामलों पर गंभीरतापूर्वक सख्त कर्रवाई करने से वो पीछे नहीं हट रहे हैं। यही नहीं कर्मेश मंगल अपनी मूलत्रिकोणस्थ राशि में है जिसके कारण ये सरकार त्वरित गति से सरकारी योजनाएं जनता तक पहुंचने में सफल होगी। योगी की कुंडली में शनि का रोल भी काफी अहम है। दरअसल षष्ठ भाव में शनि की स्थिति के चलते ही सरकार अपने विरोधियों पर भारी है। यही नहीं पंडित दीपक मालवीय बताते हैं की शपथ पगहान की कुंडली के के आधार पर ये कहा जा सकता हैं की ये सरकार पिछली सरकारों से कहीं ज्यादा कानून-व्यवस्था स्थापित करने में सफल होगी। साथ ही अनेक जनकल्याणी निर्णय लेने से सरकार लोकप्रियता भी हासिल करेगी। ये सरकार ऐसे कई कार्य करेगी जो राज्य के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
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