यूपी सरकार का बड़ा तोहफा, 1 लाख 73 हजार शिक्षामित्रों के लिए आई खुशखबरी
लखनऊ। सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों को तोहफा दिया है। दरअसल सीएम ने शिक्षामित्रों की जिले के अंदर तैनाती करने का फैसला लिया है। शिक्षामित्रों की जिले से दूर-दराज के जिलों में तैनाती देने की बजाय अब उन्हें मूल स्थान पर ही तैनात करने का विकल्प दिए जाने का निर्णय लिया है। योगी सरकार के इस फैसले से शिक्षामित्रों में खुशी की लहर है।
खासतौर से उन शादी-शुदा शिक्षामित्र महिलाओं को जो नौकरी और परिवार में सामंजस्य बनाने के लिए जूझ रही थी। इन सब के बीच शादीशुदा शिक्षामित्र महिलाओं को काफी तनाव का सामना करना पड़ता था। योगी सरकार के इस फैसले से उन्हें भी राहत मिलेगी। इस फैसले के बाद शिक्षामित्रों को दूसरे जिलों में तैनाती नही दी जायेगी, बल्कि उसी जिले के दूर दराज के क्षेत्रों में ही तैनाती दी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि इस फैसले से शिक्षा मित्रों को कार्य करने के और बेहतर अवसर मिलेंगे। इससे प्रदेश में शिक्षा का वातावरण और बेहतर होगा। इस फैसले से 1 लाख 73 हजार शिक्षा मित्रों को फायदा मिलेगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले दिनों शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द कर दिया गया था।
जिसके बाद से शिक्षा मित्र अपने मूल तैनाती वाले स्कूलों की मांग कर रहे थे। आश्वासन समिति की बैठक में कई विधायकों ने शिक्षामित्रों की इस मांग को फिर से उठाया। इसके बाद अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार ने मुख्यमंत्री के पास इससे जुड़ा प्रस्ताव भेजा जिसपर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दे दी।
योगी सरकार के इस फैसले से शिक्षा मित्रों के पास विकल्प मिल जायेगा। शिक्षामित्र चाहे तो अपने गृहजनपद में ही तैनाती कराना चाहे तो करा सकते हैं। योगी सरकार के इस फैसले से उन शादीशुदा महिलाओं ने राहत की सांस ली है, जो नौकरी और परिवार के चलते इधर से उधर आना जाना करना पड़ता है। इतना ही नही सरकार के इस फैसले से शादीशुदा महिलाएं चाहे तो अपने ससुराल में मायके में भी तैनाती करा सकती हैं।
शिक्षा मित्रों की तरफ से इसकी मांग पिछले एक साल से की जा रही थी। आदर्श शिक्षक शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन जितेंद्र शाही ने सरकार के इस फैसले पर कहा कि बहुत ही सराहनीय फैसला है इसके लिए मैं शिक्षा मित्रों की तरफ से मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार के रवैये के कारण यह निर्णय हो पाया है। उम्मीद है आगे भी शिक्षामित्रों के हित मे अच्छे निर्णय लिए जाएंगे।
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