क्यों आमने-सामने आए IAS-IPS, इस बात को लेकर दोनों के बीच छिड़ी जंग!
लखनऊ। यूपी में थानेदारों की तैनाती से पहले डीएम की रजामंदी लेना आईएएस और आईपीएस के बीच जंग का सबब बनता जा रहा है। जिले में डीएम और एसएसपी के बीच तलवारें खिंचना शुरू हो गई हैं, जिसकी शुरुआत नोएडा से हुई है। बिना अनुमति के कोतवालों के ट्रांसफर पर डीएम नोएडा ने पत्र लिखकर ऐतराज जताया है और हिदायत दी है कि भविष्य में अनुमोदन के बाद नोएडा में कोतवाल और थानेदार बदले जाएं। थानेदार की तैनाती से पहले जिले के डीएम की संस्तुति लेना यूपी के आईपीएस अफसरों को नागवार गुजर रहा है।
गृह विभाग के इस लिखित आदेश पर अब तक सिर्फ आईपीएस जुबानी जमा खर्च कर रहे थे। एसएसपी नोएडा ने गृह विभाग के इस आदेश की मुखालफत शुरू कर दी है। बिना डीएम की अनुमति के शहर के 7 कोतवालों को बदल दिया गया। जिस पर ऐतराज जताते हुए नोएडा डीएम बृजेश नारायण सिंह ने एसएसपी अजय पाल शर्मा को पत्र लिखा है।
डीएम ने लिखा है कि उनकी बिना अनुमति लिए बिना 7 कोतवालों को बदला गया है जो गृह विभाग के लिखित आदेश का सीधा उल्लंघन है। डीएम साहब ने लिखे पत्र में यह भी साफ कहा कि एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एसएसपी को आश्वस्त किया था। बेहतर पुलिसिंग के लिए एसएसपी के हर निर्णय को मान लिया जाएगा। उसके बाद भी कोतवालों के तबादले पर कोई अनुमोदन नहीं लिया गया जो शासन के आदेश की सीधे अवहेलना है।
9 मई को प्रमुख सचिव गृह ने जारी किए आदेश में साफ लिखा था कि थानेदारों की तैनाती में डीएम का अनुमोदन लेना जरूरी है लेकिन नोएडा एसएसपी द्वारा तीसरे दिन ही शासन के आदेश की धज्जियां उड़ा देना एक नए विवाद को जन्म दे गया है। गृह विभाग के इस आदेश पर सेंट्रल आईपीएस एसोसिएशन के साथ यूपी के आईपीएस अफसर भी लामबंद होकर बड़े स्तर पर ऐतराज जताने की तैयारी में हैं।
वहीं दूसरी तरफ गृह विभाग के लिखित आदेश की तीसरे दिन ही एक जिला कप्तान के द्वारा धज्जियां उड़ाया जाना, आईएएस और आईपीएस के बीच की जंग को बढ़ावा देगा। अब देखना है कि गृह विभाग अपने आदेश की अवहेलना करने वाले कप्तान पर कार्रवाई कर पाता है या फिर एसएसपी नोएडा की नाफरमानी के इस कदम पर यूपी के आईपीएस अफसर लामबंद हो जाते हैं।
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