शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव की चेतावनी, अपने काम का रिजल्ट दें या फिर नौकरी छोड़ दें शिक्षक-बीएसए
लखनऊ। अक्सर प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों के लापरवाही से काम करने के मामले सामने आते हैं। कुछ शिक्षकों के मामले में देखा गया है कि या तो वे नौकरी से छुट्टी मार देते हैं या फिर जल्दी घर भाग आते हैं। लेकिन शिक्षकों की अब ये लापरवाही ज्यादा दिन नहीं चलने वाली। इस बाबात बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने चेतावनी दी है कि बीएसए और शिक्षक अपना काम जिम्मेदारी से करके नतीजे दें या नौकरी छोड़ दें। उन्होंने ट्वीट करके ये चेतावनी दी है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन, ग्रेच्युटी और अवकाश नकदीकरण के भुगतान की स्वीकृति में चल रहा भ्रष्टाचार का खेल अब नहीं चलेगा। विभाग में सिटीजन चार्टर लागू करने के अगले ही दिन रविवार सुबह ट्वीट में अपर मुख्य सचिव ने सभी बीएसए को निर्देश दिए हैं कि वे सुनिश्चित करेंगे कि शिक्षकों व कर्मचारियों के बकाया भुगतान, लाभ-परिलाभ और अवकाश स्वीकृतियां निर्धारित अवधि में पूरी हों। वह खुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगे, यदि बीएसए ने समय पर काम नहीं किया या कराया तो फिर कार्रवाई झेलने के लिए तैयार रहें। उन्होंने शिक्षकों को भी समय पर कक्षा में उपस्थित होने, विद्यालयों में बेहतर शैक्षिक माहौल तैयार करने और विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देने की नसीहत दी है।
बेसिक शिक्षा विभाग में 35-40 साल की सेवा के बाद मिलने वाली पेंशन, ग्रेच्युटी और अवकाश नकदीकरण का भुगतान लेने के लिए 2 से 10 प्रतिशत रिश्वत का खेल चलता है। बीएसए कार्यालय से लेकर कोषाधिकारी कार्यालय तक की मिलीभगत से चल रहे इस खेल में जो शिक्षक या कर्मचारी रिश्वत देते हैं, उन्हें समय पर भुगतान मिलता है, वरना भुगतान के लिए महीनों तरसना पड़ता है।
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