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VIDEO: CCS University में उत्तर-पुस्तिकाओं से रद्दी घोटाला, मेरठ के कमिश्नर ने जांच कराई शुरू, कुलसचिव तलब

कभी कॉपियों की चैकिंग का घोटाला तो कभी वाइस चांसलर कि रिश्वत का घोटाला सुर्खियों में रहा है या यूं कहें कि विश्वविद्यालय पर कलंक लगता आया है और अब कुछ पटरी पर आते ही फिर से रद्दी घोटाले ने विश्वविद्यालय की साख पर बट्टा लगा दिया है।

By Gaurav Dwivedi
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मेरठ। भ्रष्टाचार के लिए योजनाओं को रद्दी करने की कहानियां तो आपने बहुत सुनी होगी लेकिन मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अफसरों ने रद्दी में भी भ्रष्टाचार की गुंजाइश निकाल ली और इस कारनामे को अंजाम भी दे डाला। विश्वविद्यालय में हुए करोड़ों की रद्दी घोटाले पर मेरठ के कमिश्नर ने जांच शुरू कराई है। आपको बता दें इससे पहले भी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के ऊपर कॉपी घोटाला, कभी कॉपियों की चैकिंग का घोटाला तो कभी वाइस चांसलर कि रिश्वत का घोटाला सुर्खियों में रहा है या यूं कहें कि विश्वविद्यालय पर कलंक लगता आया है और अब कुछ पटरी पर आते ही फिर से रद्दी घोटाले ने विश्वविद्यालय की साख पर बट्टा लगा दिया है।

रद्दी में गई आपकी एग्जाम कॉपी

रद्दी में गई आपकी एग्जाम कॉपी

ऐसा नहीं है कि विश्वविद्यालय में पैसा खुलेआम खा लिया गया, सब कुछ इतनी सफाई से किया गया ताकि कागजों की खानापूर्ति भी हो जाए और कोई इस भ्रष्टाचार पर उंगुली भी ना उठा सके। पश्चिमी उत्तर-प्रदेश की नामचीन चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार कितने पांव पसार चुका है, उसके दायरे की कहानी की नायाब नजीर देखिए। विश्वविद्यालय में जांचने के लिए आने वाली परीक्षाओं की उत्तर-पुस्तिकाएं हर साल करोड़ों की तादात में रद्दी हो जाती हैं। विश्वविद्यालय में इसके निस्तारण की नियमानुसार व्यवस्था है लेकिन इस व्यवस्था में विश्वविद्यालय के अफसरों और कर्मचारियों ने नियम रद्दी किए और करोड़ों की रद्दी में ढेर सारी दलाली कमाई। सवाल रद्दी की बिक्री के लिए हुए करार को लेकर है जो 6 महीने बाद हुआ और रद्दी पहले ही कौड़ी कर दी गईं।

उत्तर पुस्तिकाएं बेचकर किया करोड़ों का घोटाला

उत्तर पुस्तिकाएं बेचकर किया करोड़ों का घोटाला

एडिशनल कमिश्नर का कहना है कि वित्त नियंत्रक अनिल कुमार अग्रवाल ने बिन टेंडर किए ही सब रद्दी बेच दी हैं। जिसे देखकर लगता है कि भ्रष्टाचार किया गया। अनिल कुमार अग्रवाल ने रद्दी की तादात बताए बगैर ही इसे विश्वविद्यालय से रवाना कर दिया और किसे और कैसे बेचा, इसके कागज 6 महीने बाद उस वक्त तैयार कराए गए जब घोटाले की परतें उतरने लगीं। 6 महीने पहले बेची गईं रद्दी का करार अब जाकर हुआ और इसकी पोल खोली करार में लगाए गए हाल की तारीख के स्टांप पेपर ने पूरे मामले की शिकायत कमिश्नर मेरठ डॉ. प्रभात कुमार से की। कमिश्नर ने मामले की गंभीरता देखते हुए एडीश्नल कमिश्नर को घोटाले की जांच पूरी करने का आदेश दिया है।

कुलसचिव को किया तलब

कुलसचिव को किया तलब

घोटाले की जांच के आदेश के बाद कमिश्नर ने पूरे कागजात समेत कुलसचिव को तलब किया है। कमिश्नर की जांच के बाद मचे हड़कंप के बाद से वित्त नियंत्रक कैमरे देखकर ऑफिस से फरार हो गए। रद्दी में हुए घोटाले में बड़ी दलाली की कहानी जांच के बाद निकलने की उम्मीद है। साथ ही यूनिवर्सिटी में चल रहे बड़े भ्रष्टाचारों के लिए ये खतरे की घंटी भी है।

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English summary
CCS University Scam from Answer Sheet, Meerut commissioner starts investigation
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