फिर से विवादों में आया यमुना एक्सप्रेस-वे का घोटाला, सक्रिय हुए सीएम योगी, दिया जांच का आदेश
लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 126 करोड़ के यमुना एक्सप्रेस-वे जमीन घोटाले में केंद्र सरकार से सीबीआई जांच कराने की मांग की है। गृह सचिव भगवान स्वरूप ने केंद्र को सीबीआई जांच की संस्तुति भेजे जाने की पुष्टि की। जांच के बाद पूर्व सीईओ के खिलाफ पिछले दिनों मुकदमा दर्ज किया गया था। बता दें कि नोएडा पुलिस ने उन्हें पिछले महीने मध्य प्रदेश के दतिया जिले से गिरफ्तार किया था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने करीब दो हफ्ते पहले यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पीसी गुप्ता के खिलाफ सीबीआई जांच कराए जाने के लिए मंजूरी दे दी थी। साथ ही सीबीआई जांच कराए जाने के दस्तावेज अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने गृह विभाग को भेज दिए थे। इसके बाद ही गृह विभाग दस्तावेजों को दुरुस्त करने में लग गया था और सीबीआई जांच कराए जाने संबधी पत्र केंद्र सरकार को सौंप दिया था।
सीईओ
ने
सगे-संबंधियों
को
पहुंचाया
फायदा
दरअसल,
यमुना
प्राधिकरण
क्षेत्र
के
तहत
मथुरा
में
मास्टर
प्लान
से
बाहर
जाकर
जमीन
खरीदी
गई
थी।
प्राधिकरण
के
उस
समय
के
सीईओ
पीसी
गुप्ता
और
कई
अधिकारियों
ने
अपने
रिश्तेदारों
को
इसका
फायदा
पहुंचाने
के
लिए
मिलजुल
कर
इस
घोटाले
को
अंजाम
दिया
था।
आरोपियों
ने
19
कंपनियां
बनाकर
किसानों
से
सस्ते
दामों
पर
जमीनें
खरीदीं
थीं।
इसके
बाद
उन
जमीनों
को
वापस
प्राधिकरण
को
बेचकर
करोड़ों
रुपए
का
मुआवजा
उठा
लिया
था।
सीईओ
समेत
22
लोगों
पर
दर्ज
हुआ
था
मुकदमा
जमीन
खरीद
समिति
के
अध्यक्ष
बीपी
सिंह
ने
मनमाने
तरीके
से
लोकल
समाचार
पत्रों
में
विज्ञापन
भी
दिए
थे।
मामला
संज्ञान
में
आने
पर
प्राधिकरण
के
अध्यक्ष
डॉ.
प्रभात
कुमार
ने
जांच
जीएम
प्लानिंग
मीना
भार्गव
से
कराई
थी।
जांच
में
घोटाला
सामने
आने
के
बाद
यमुना
प्राधिकरण
के
पूर्व
सीईओ
पीसी
गुप्ता,
पूर्व
तहसीलदार
सुरेश
चंद
शर्मा
समेत
21
अधिकारियों
व
अन्यों
के
नाम
नोएडा
की
कासना
कोतवाली
में
मुकदमा
दर्ज
कराया
गया
था।
इसके
बाद
से
घोटाले
की
सीबीआई
जांच
होने
पर
आरोपी
अधिकारियों
सहित
कई
अन्य
बड़ों
पर
शिकंजा
कसना
तय
माना
जा
रहा
है।