तब रिश्वत लेते पकड़े गए बड़े बाबू जब होने वाले थे रिटायर
जैसे ही बड़े बाबू ने पैसा हाथ में लेकर गिनना शुरू किया तभी रामसागर और उनकी टीम ने बाबू को पकड़कर उसके हाथ धुलवाए जिसके बाद लाल हाथ होने कर उसे रंगेहाथ पकड़ा गया।
वाराणसी। एंटी करप्शन टीम ने सिचाई विभाग से बाबू को रंगेहाथ घूस लेते हुए गिरफ्तार किया है। ये बाबू महज 4 दिन बाद रिटायर्ड होने वाला था। दरसअल सिचाई विभाग के बाबू महबूब इलाही अंसारी ने ठेकेदार अशोक सिंह के रजिस्ट्रेशन के लिए करीब 15 हजार रुपए की मांग की थी। जिसके बाद ठेकेदार ने वाराणसी के एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया और सिचाई विभाग के बाबू के बारे में पूरी घटना बताई। टीम ने इस मामले में वाराणसी के डीएम को पूरा प्रकरण बताते हुए ठेकेदार अशोक सिंह को केमिकल लगाए हुए 15 हजार रुपए दिए और बाद में छापेमारी करते हुए बाबू महबूब इलाही अंसारी को मुख्य अभियंता कार्यालय से गिरफ्तार किया। इस मामले में टीम ने सिगरा थाने में बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की रिपोर्ट दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
क्या था पूरा मामला?
दरअसल वाराणसी के महमूरगंज थाना क्षेत्र के रानीपुर इलाके के रहने वाले अशोक सिंह ने अपने चाचा के लिए सिचाई विभाग में रजिस्ट्रेशन करने के लिए लिए मुख्य अभियंता के कार्यालय में आवेदन किया था। बाद में जब अशोक सिंह इस आवेदन के संबंधित जानकारी लेने के लिए कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने देखा कि फाइल उस बाबू के पास पड़ी हुई थी। उन्होंने जब उसे आगे बढ़ने के लिए कहा तो बाबू महबूब इलाही अंसारी सुविधा शुल्क के नाम पर 25 हजार रुपए की डिमांड करने लगा। अशोक घूस नहीं देना चाहते था और इस लिए उन्होंने कई अपने जानने वाले से फाइल को आगे बढ़वाने के लिए सिफारिश भी करवाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आखिर में सौदा 15 हजार रुपए में तय हुआ। जिसके बाद अशोक सिंह ने एंटी करप्शन टीम को इस मामले में जानकारी देते हुए कर्रवाई करने की मांग की।
ऐसे बड़े बाबू ने किया घूसखोरी का खुलासा
बड़े बाबू महबूब इलाही अंसारी से परेशान होकर जब अशोक ने एंटी करप्शन के प्रभारी पुलिस अधीक्षक रामसागर को पूरे प्रकरण की जानकारी दी तो उन्होंने टीम का गठन किया और सिचाई विभाग के मुख्य अभियंता के कार्यालय में तैनात बाबू की कारस्तानी वाराणसी के डीएम कार्यालय में भी बताई और डीएम ऑफिस से ही दो गवाहों को साथ लेकर योजना बनाते हुए अशोक सिंह को घूस देने वाले 15 हजार रुपए पर केमिकल लगा दिए और उसे फॉलो करते हुए सिचाई विभाग पहुंच गए। जैसे ही बड़े बाबू ने पैसा हाथ में लेकर गिनना शुरू किया तभी रामसागर और उनकी टीम ने बाबू को पकड़कर उसके हाथ धुलवाए जिसके बाद लाल हाथ होने कर उसे रंगेहाथ पकड़ा गया।
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