देवी सीता को 'टेस्ट ट्यूब बेबी' कहने पर UP के डिप्टी सीएम के खिलाफ कोर्ट ने दिया परिवाद दर्ज करने का आदेश
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा के देवी सीता माता को 'टेस्ट ट्यूब बेबी' कहने वाले बयान पर उनकी मुश्किले बढ़ने वाली है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रमाकांत प्रसाद ने दिनेश शर्मा के खिलाफ दाखिल परिवाद की सुनवाई के बाद उसे दर्ज करने का आदेश दे दिया है। इस पर अगली सुनवाई दो जुलाई को होगी। उस दिन परिवादी का बयान दर्ज होगा।
आम
आदमी
पार्टी
के
कार्यकर्ता
ने
दाखिल
किया
था
परिवाद
आम
आदमी
पार्टी
के
कार्यकर्ता
विक्रम
सिंह
ने
मुख्य
न्यायिक
मजिस्ट्रेट
रमाकांत
प्रसाद
के
न्यायालय
में
डिप्टी
सीएम
दिनेश
शर्मा
के
खिलाफ
15
जून
को
परिवाद
दाखिल
किया
था।
कोर्ट
में
दाखिल
परिवाद
पत्र
के
मुताबिक
विक्रम
सिंह
ने
31
मई
को
मथुरा
में
हुए
एक
कार्यक्रम
मुख्य
अतिथि
के
रूप
में
माता
सीता
के
जन्म
को
'टेस्ट
ट्यूब
बेबी'
से
जोड़ने
को
लेकर
दिए
गए
बयान
से
धार्मिक
भावना
आहत
होने
की
बात
कहीं
है।
बताया
कि
डिप्टी
सीएम
ने
माता
सीता
को
टेस्ट
ट्यूब
बेबी
कहने
के
साथ
रामायण
काल
के
पुष्पक
विमान
की
तुलना
हवाई
जहाज
व
महाभारत
काल
के
संजय
की
तुलना
टेलीविजन
से
की
थी।
बयान
को
बताया
था
कष्टकारी
डिप्टी
सीएम
के
टेस्ट
ट्यूब
बेबी
वाले
बयान
से
उन्हें
बहुत
कष्ट
हुआ
है।
उनका
बयान
रामयाण
के
मान्यताओं
से
लोगों
का
विश्वास
उठाने
का
प्रयास
किया
गया
है।
यह
हिन्दू
धर्म
का
अपमान
है।
उन्होंने
इस
संबंध
में
पुलिस
अधीक्षक
मिर्जापुर
अशीष
तिवारी,
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ,
राज्यपाल
राम
नाइक
को
पत्र
लिखा
पर
कोई
कार्रवाई
नहीं
हुई।
दो
जुलाई
को
दर्ज
होगा
बयान
इसके
बाद
विक्रम
सिंह
ने
अधिवक्ता
मनीष
त्रिपाठी
के
माध्यम
से
मुख्य
न्यायिक
मजिस्ट्रेट
के
कोर्ट
में
परिवाद
दाखिल
किया।
जिसमें
सुनवाई
के
बाद
मुख्य
न्यायिक
मजिस्ट्रेट
रमाकांत
प्रसाद
ने
दिनेश
शर्मा
के
खिलाफ
दाखिल
परिवाद
पत्र
के
रूप
में
दर्ज
करते
हुए
वादी
के
बयान
के
लिए
दो
जुलाई
की
तारीख
तय
की
है।
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