यूपीटीईटी: 'खुशखबरी' फीस न जमा कर पाने वाले अभ्यर्थी भी दे सकेंगे परीक्षा
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले उन अभ्यार्थियों के लिए बड़ी खबर है, जो तकनीकी समस्या के कारण अपनी फीस नहीं जमा कर सके थे। ऐसे अभ्यर्थियों को अब टीईटी की परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। हाईकोर्ट ने तकनीकी समस्या के कारण अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ ना होने की हिदायत के साथ उनके परीक्षा में बैठने का रास्ता खोल दिया है और परीक्षा में शामिल होने के लिए एडमिट कार्ड जारी करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि आगामी 18 नवंबर को शिक्षक पात्रता परीक्षा की परीक्षा होनी है। लेकिन, आवेदन पूर्ण ना होने के कारण बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड जारी नहीं किए गए हैं।
हाईकोर्ट ने दी राहत
सोमवार को टीईटी अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को यह आदेश दिया है कि जिन अभ्यर्थियों की तकनीकी समस्या के कारण फीस नहीं जमा हो सकी थी। उन्हें परीक्षा में बैठने के लिए एडमिट कार्ड जारी किया जाए। इस कतार में कई ऐसे अभ्यर्थी भी हैं जिनके खाते से तो पैसा कट गया लेकिन, फीस जमा नहीं हो सकी थी। ऐसे अभ्यार्थी भी इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में गए और अपने आवेदन को निरस्त किए जाने की प्रक्रिया को चैलेंज किया। साथ ही परीक्षा में शामिल होने के लिए एडमिट कार्ड जारी करने की मांग की। मामले में हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए परीक्षा नियामक प्राधिकारी को एडमिट कार्ड जारी करने का निर्देश दिया है।
ये है आधिकारिक आंकड़ा
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 के लिए इस बार रिकॉर्ड तोड़ आवेदन आए थे। 2277559 अभ्यार्थियों ने इस बार टीईटी परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। हालांकि आवेदन के दौरान ही वेबसाइट का सर्वर ध्वस्त हो गया था और बड़ी मुश्किल से अभ्यर्थी आवेदन कर सके थे। इस दौरान फीस जमा करने में भी अभ्यर्थियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा और परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से लगातार आवेदन करने व फीस जमा करने की तिथियों में भी समय सीमा बढ़ाई गई। इसके बावजूद भी बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन कराने वाले अभ्यर्थी फीस नहीं जमा कर पाए थे।
जारी हुआ आंकड़ा
जब पूर्ण रूप से आवेदन करने वाले यानी रजिस्ट्रेशन के साथ ही फीस जमा करने वाले अभ्यर्थियों का आंकड़ा जारी हुआ तो सिर्फ 1827851 अभ्यर्थी ही अपनी फीस जमा कर सके थे। यानी इनका फॉर्म पूर्ण रूप से कंप्लीट था। जबकि 4.50 लाख के करीब आवेदन विभिन्न कारणों से निरस्त हो गए थे, जिसमें काफी संख्या में फीस न जमा कर पाने के कारण आवेदन निरस्त किए गए थे। इनमें से ऐसे बहुत से अभ्यर्थी थे जिनकी फीस कटी उसके बावजूद भी आवेदन निरस्त हुआ। जबकि कई ऐसे अभ्यर्थी भी रहे जो तकनीकी समस्या के कारण फीस आखिरी समय सीमा तक भी जमा नहीं कर सके थे। ऐसे अभ्यर्थियों को ही हाईकोर्ट द्वारा राहत दी गई है।
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