योगी सरकार ने किया शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव, 18 साल के ऊपर नहीं दे सकेंगे हाईस्कूल की परीक्षा
अब यूपी बोर्ड की हाईस्कूल रेग्यूलर परीक्षा में 18 साल से ज्यादा आयु के छात्र-छात्राएं शामिल नहीं हो सकेंगे। इस नियम को लागू करने के लिए सरकार ने हरी झंडी दे दी है।
इलाहाबाद। नकल और फर्जीवाड़े के लिए बदनाम यूपी बोर्ड में इस बार बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। योगी सरकार ने शिक्षा माफिया पर नकेल और निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब यूपी बोर्ड की हाईस्कूल रेग्यूलर परीक्षा में 18 साल से ज्यादा आयु के छात्र-छात्राएं शामिल नहीं हो सकेंगे। इस नियम को लागू करने के लिए सरकार ने हरी झंडी दे दी है। शिक्षा निदेशक अमर नाथ वर्मा ने बताया की नियम इसी सत्र से लागू होगा। लिखित आदेश जारी होने के बाद ये नियमावली में दर्ज हो जाएगा।
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गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड ने सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को ये संदेश जारी कर दिया है। सरकार शिक्षा प्रणाली में बेहतरी और पारदर्शिता के लिए नए सत्र से कुछ नए नियम लागू करेगी। ऐसे में जब तक अनुमति न हो नए एडमीशन न लें। अगर एडमीशन लें तो 18 साल की उम्र पूरी करने वाले विद्यार्थी प्राइवेट स्टडी करें। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने अपनी प्रजेंटेशन में इस बदलाव का सुझाव दिया था। जो योगी सरकार के मन को भाया है।
सरकारी नौकरी के लिए होता है खेल
दरअसल हाईस्कूल का सर्टिफिकेट, उम्र प्रमाण पत्र के तौर पर भी काम करता हैं। ऐसे में सरकारी नौकरी में आयु का लाभ लेने के लिए कई बार लोग दुबारा हाईस्कूल की परीक्षा देते हैं। इनकी मदद के लिए शिक्षा माफिया वित्त विहीन विद्यालयों और सहायता प्राप्त विद्यालयों में अपना जाल बिछाते हैं। लेकिन अब सरकार के इस नए नियम से बोर्ड परीक्षा से ये खेल ठप हो जाएगा। चूंकि हाईस्कूल की व्यक्तिगत परीक्षा में शामिल होने के लिए अभी तक आयु सीमा का बंधन नहीं रखा गया है। ऐसे में नया नियम बदहाल शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाएगा।\
लेकिन यहां बढ़ेगी मुश्किलें
योगी सरकार ने अगर शिक्षा विभाग के दूसरे प्रस्ताव को मंजूरी दी तो मेधावी छात्रों की मुश्किल बढ़ेगी। क्योंकि दूसरे प्रस्ताव में यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल की परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 14 वर्ष की है। ऐसे में कम उम्र में हाईस्कूल की परीक्षा में शामिल होना असंभव हो जाएगा। इसी नियम के तहत हाईस्कूल की परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्र अधिकतम 18 वर्ष की होगी। हालांकि सचिव शैल यादव बताते हैं कि ये प्रस्ताव अधर में लटका है। नई सरकार इस पर विचार कर विशेषज्ञों से राय लेगी।
ये दिखेंगे बदलाव
यूपी बोर्ड के विद्यालयों में जुलाई से शुरू हो रहे नए सत्र में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। जैसे योग की शिक्षा, योग के लिए कोर्स, योग विषय का 20 नंबर का प्रश्न पत्र, स्कूलों की मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन, विद्यालयों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के लिए सीमित रजिस्ट्रेशन आदि। फिलहाल शिक्षा विभाग के कायाकल्प के लिए शिक्षकों की जल्द ही जिम्मेदारी तय होने वाली है।
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