Rampur By Election: आजम के रामपुर में छाया BJP का 'आकाश', कभी जयाप्रदा की नग्न तस्वीरों पर हुआ था हंगामा
सपा नेता आजम खान को 'हेट स्पीच' के एक मामले में सजा हुई थी, जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी इसलिए रामपुर में उपचुनाव हुआ।
Rampur By Election Result 2022: रामपुर सीट का नाम लेते ही आंखों के सामने सपा नेता आजम खान की तस्वीर घूम जाती है। रामपुर विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी और आजम खान के लिए क्या मायने रखती है, ये बात किसी से छिपी नहीं है लेकिन गुरुवार को आए उपचुनाव के नतीजे ने ना केवल रामपुर सीट की तस्वीर बदल दी बल्कि इसने एक इतिहास भी रच दिया। ये कारनामा किया है बीजेपी उम्मीदवार आकाश सक्सेना ने , जिन्होंने अपने दम पर साइकिल को पंचर कर दिया।
रामपुर में खिला 'कमल'
ये सियासत है और यहां पर शह-मात का खेल चलता रहता है। चुनावी मुकाबले में हार-जीत लगी रहती है लेकिन जब हार और जीत का अंतर बहुत ज्यादा हो तो चर्चाएं होने लगती है इसलिए रामपुर में 'कमल' खिलने की बातें हर जगह सुर्खियां बनी हुई हैं।
रामपुर में बीजेपी का 'आकाश' छा गया
आपको बता दें कि बीजेपी के आकाश सक्सेना ने 33,702 वोटों से जीत दर्ज की है। उपचुनाव में जहां आकाश सक्सेना को 80,964 वोट मिले तो वहीं सपा प्रत्याशी आसिम रजा को सिर्फ 47,262 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा, खास बात ये है कि आजादी के बाद हुए सभी विधानसभा चुनावों में यहां से मुस्लिम प्रत्याशी ही जीतते आए थे लेकिन 8 दिसंबर 2022 को रामपुर में बीजेपी का 'आकाश' छा गया।
अभिनेत्री जया प्रदा के भी कारण चर्चा...
रामपुर की सीट सिर्फ आजम खान की वजह से ही नहीं बल्कि मशहूर अभिनेत्री जया प्रदा के कारण भी हमेशा चर्चा में रही है, हालांकि ये चर्चाएं गलत कारणों की वजह से होती रहीं हैं। इस बात को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना होगा।
नफरत, बदनामी और आरोप की राजनीति
दरअसल साल 2009 में जया प्रदा को तत्कालीन सपा में नंबर दो की हैसियत रखने वाले नेता ठाकुर अमर सिंह रामपुर से चुनाव लड़वाना चाहते थे क्योंकि तब ये सीट महिला सीट हो गई थी लेकिन आजम खान का मन था कि इस सीट पर चुनाव उनकी बेगम लड़ें और उन्हें पूरा भरोसा था कि 'नेताजी' यानी कि तत्कालीन सपा प्रमुख मुलायम सिंह उनकी बात बड़ी आसानी से मान लेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं और उसके बाद शुरु हुआ नफरत, बदनामी और आरोप की गंदी राजनीति का सिलसिला।
जयाप्रदा की नग्न तस्वीरों पर हुआ था हंगामा
दरअसल 11 मई 2009 को, जयाप्रदा ने आरोप लगाया कि 'आजम खान ने उनकी झूठी नग्न तस्वीरों का वितरण रामपुर में करके उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है। यही नहीं आजम खान ने उन्हें 'नाचने वाली' कहकर उनका अपमान किया है।
हॉट टॉपिक बनी आजम बनाम जया की जंग
जयाप्रदा बनाम आजम खान की लड़ाई उस वक्त सियासी गलियारों की हॉट टॉपिक बन गई थी। कोई अखबार, कोई न्यूज चैनल ऐसा नहीं था जहां इस लड़ाई का जिक्र ना हों लेकिन इस लड़ाई में जया प्रदा तब जीत गईं, जब वो रामपुर से भारी मतों से विजय हासिल करके लोकसभा पहुंचीं। मालूम हो कि जया ने एक नहीं बल्कि दो बार रामपुर से फतेह हासिल की है।
प्रकरण हमेशा लोगों की जुबां पर
रामपुर का चुनाव खत्म हो गया और जया जीत भी गईं लेकिन आजम खान और अमर सिंह की लड़ाई हमेशा जारी रही। अखिलेश यादव के सपा मुखिया बनने के बाद अमर सिंह और जया प्रदा दोनों ही सपा का पार्ट नहीं रहे लेकिन जब भी रामपुर का जिक्र होता है तो ये प्रकरण हमेशा लोगों की जुबां पर आ ही जाता है।
रामपुर में आजम खान का रौब नहीं...
आज सियासत ही नहीं राजनीतिक स्थिति भी बदल चुकी हैं। आज ना तो 'नेताजी' और ना ही 'अमर सिंह' हमारे बीच मौजूद हैं और ना ही जया प्रदा सपा की हिस्सा हैं, वो अब भाजपा की मेंबर हैं । यही नहीं गुरुवार के बाद अब अब रामपुर में आजम खान का रौब नहीं बल्कि हिंदू विधायक आकाश सक्सेना का राज हो गया है।
आजम के दस जीत वाली पारी का अंत
गौरतलब है कि आजम खान को 'हेट स्पीच' के एक मामले में सजा हुई थी, जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी इसलिए रामपुर में उपचुनाव हुआ। बता दें कि इस सीट से आजम खान दस बार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे । उन्होंने यहां से पहली बार 1980 में जनता पार्टी (सेक्यूलर) के टिकट पर इलेक्शन जीता था लेकिन उनकी दस जीत वाली पारी का अंत इस तरह से होगा, ये किसी ने नहीं सोचा था।
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