गरीबी से गई जान तो मासूम बच्चों ने चंदा जोड़कर किया मां का अंतिम संस्कार
बुंदेलखंड। बुंदेलखंड में एक बार फिर गरीबी और आर्थिक तंगी से परेशान 6 माह से बीमार 30 वर्षीय महिला ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। पति के परदेश में रहने के चलते पड़ोसियों ने चंदा इकठ्ठा कर किसी तरह मृत महिला का अंतिम संस्कार कराया। फिलहाल मीडिया द्वारा मामला संज्ञान में आते ही जिलाधिकारी ने जांच कर परिवार को आर्थिक मदद देने का आश्वासन दिया है।
मामला महोबा के श्रीनगर थाना कस्बे का है जहाँ रहने वाली अनीता अहिरवार बीते 6 माह से लीवर की बीमारी से जूझ रही थी। परिवार के भरण पोषण के लिए अनीता पति के साथ देश की राजधानी दिल्ली में रहकर मजदूरी कर जीवन यापन करती थी। मगर कुछ माह से लगातार बीमार रहने के चलते उसका पति अनीता और चार मासूम बच्चों को गांव वापस छोड़ कर चला गया था। पति मजदूरी का पैसा इकठ्ठा कर पत्नी के इलाज के तमाम प्रयास करता रहा मगर बीमारी से उबार नहीं पा सका। आखिरकार बीमारी से ग्रसित अनीता की आज मौत हो गई।
अनीता के घर की माली हालत के मद्देनजर पड़ोसियों ने मृतक अनीता के अंतिम संस्कार को लेकर एकजुट होकर रुपये पैसों का चंदा किया। जिसने आज जिला प्रशासन के सिस्टम सहित गरीबों की मदद के तमाम योजनाओं की पोल खोल दी हैं। पड़ोसी बताते हैं कि अनीता के घर में आर्थिक तंगी है और परिवार मुफलिसी झेल रहा था। घर में बमुश्किल एक वक्त का चूल्हा जल पाता था। मृतका के मासूम बच्चे बताते हैं कि कभी कभी उन्हें पड़ोसियों से खाना मांगकर पेट भरना पड़ता था। ऐसे में सवाल ये उठता है कि सरकार की तमाम योजना इन गरीबों के लिए चलाई जा रही हैं मगर इनकी जमीनी हकीकत ये है कि एक दलित महिला की भुखमरी और गरीबी के चलते मौत हो गई।
इलाज के आभाव में मौत होने की जानकारी होते हुए डीएम सहदेव बताते हैं कि महोबा के श्रीनगर थाना के बांस पहाड़ी मुहल्ले में रहने वाली अनिता अहिरवार की बीमारी के चलते मौत हो गई है। महिला को शासन प्रशासन की की किन-किन योजनाओं का लाभ दिया जा रहा था। साथ ही मौजूदा स्थिति के आकलन को लेकर महोबा सदर तहसील के एसडीएम ,कानूनगो ओर लेखपाल की टीम को गांव में रवाना किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। परिवार की हर संभव मदद की जाएगी।
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