सरकारी जमीन पर गायत्री ने किया था कब्जा, प्रशासन ने चलाया बुलडोजर
अमेठी। यूपी में अमेठी के डीएम योगेश कुमार के निर्देश पर पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति द्वारा सरकारी जमीन पर किये गये कब्जे पर सरकारी बुलडोजर चल गया। भारी पुलिस फोर्स के साथ प्रशासनिक अफसरों द्वारा की गई कार्रवाई पर 8 महीनों से जेल में बंद गायत्री पर शिकंजा अब और कसा गया है। वहीं गायत्री समर्थकों ने इस प्रशासनिक कार्रवाई का ठीकरा फोड़ा अमेठी विधायक के पुत्र के सर फोड़ा है, और कार्रवाई को उनकी साजिश बताई है।
जेल में बंद सपा सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की अमेठी के आवास विकास क्षेत्र में करोड़ों की कोठी खड़ी है तो वहीं लाखों रुपए का आफिस भी मौजूद है। आरोप है कि आफिस के एरिये से सटी क़रीब 2 बीघे सरकारी तालाब की ज़मीन को सत्ता की हनक दिखा कर गायत्री ने कब्जा कर रखा था। इस बात की शिकायत पूर्व में भी हुई लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
योगी सरकार आने के बाद शिकायत फिर हुई तो 2 से 3 बार प्रशासनिक अधिकारी मौके पर गये। नोटिस जारी हुई लेकिन कब्जा नही हटा। नतीजतन गुरुवार को डीएम के निर्देश पर एसडीएम अमेठी और सीओ अमेठी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। फिर बुलडोजर से तालाब की जमीन पर बनाई बाउंड्री को प्रशासन ने गिरवा दिया।
सत्ता
के
दबाव
में
हो
रही
कार्रवाई
प्रशासन
द्वारा
कसे
गये
इस
शिकंजे
के
बाद
गायत्री
समर्थकों
में
खासी
नाराजगी
है।
इस
संदर्भ
में
गायत्री
के
प्रतिनिधि
विजय
पाल
उपाध्याय
ने
प्रशासन
द्बारा
की
गई
कार्रवाई
को
सत्ता
के
दबाव
में
उठाया
गया
कदम
बताया
है।
उन्होंने
कहा
कि
दरअसल
प्रशासन
अमेठी
विधायक
गरिमा
सिंह
के
पुत्र
(प्रतिनिधि)
अनंत
विक्रम
सिंह
की
शह
पर
ये
सब
कुछ
कर
रहा।
ये
उन्हीं
की
चाल
है।
निर्धारित
समय
अवधि
पूरा
होने
के
बाद
भी
नहीं
हटाया
कब्जा
इस
पूरे
मामले
पर
अमेठी
के
डीएम
योगेश
कुमार
ने
बताया
कि
दो-तीन
बार
हमारे
अधिकारी
मौके
पर
गये
तो
बताया
कि
ये
बैनामे
की
ज़मीन
है
लेकिन
कागजी
परीक्षण
में
ये
दावा
झूठा
निकला
तो
उन्हें
लिखित
नोटिस
जारी
हुई।
निर्धारित
समय
अवधि
पूरा
होने
के
बाद
भी
कब्जा
न
हटाने
की
दशा
में
प्रशासन
को
ये
क़दम
उठाना
पड़ा।
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