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बुलंदशहर उपचुनाव: बीजेपी को सहानुभूति और गन्ने का सहारा

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बुलंदशहर। बीजेपी के लिए बुलंदशहर सदर एक कठिन सीट है। हालांकि 2017 में बुलंदशहर सीट बीजेपी ने बसपा से छीनी थी लेकिन इस बार यह सीट बचाने के लिए बीजेपी को सहानुभूति और गन्ने का सहारा है। बुलंदशहर सदर बीजेपी विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन से खली हुई है। बीजेपी ने उनकी पत्नी ऊषा सिरोही को मैदान में उतरा है। उन्हें मतदाताओं की सहानुभूति का सहारा है। लेकिन इस उपचुनाव में स्थितियां 2017 से भिन्न हैं। सभी विपक्षी दल सत्तारूढ़ बीजेपी से पिछले तीन साल का हिसाब मांग रहे और कानून व्यवस्था को लेकर हमलावर हैं। जबकि 17 के विधान सभा चुनाव में यहाँ की जनता ने बसपा के मोहम्मद हलीम खान की ज्यादतियों से नाराज होकर उनको जमीन चटाई थी। इस बार मोहम्मद हलीम के छोटे भाई मोहम्मद यूनुस खान बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। हलीम और यूनुस भाई हैं और हलीम के खिलाफ वोट देने वाली जनता उनके भाई को वोट देने से पहले दस बार सोचेगी। यह गणित भी बीजेपी के लिए उम्मीद जगाती है।

बुलंदशहर उपचुनाव: बीजेपी को सहानुभूति और गन्ने का सहारा

बीजेपी को दूसरी उम्मीद गन्ना किसानों से है। बुलंदशहर गन्ना बेल्ट है और गन्ना मूल्य के बकाये का शीघ्र भुगतान भी बीजेपी उम्मीदवार की मदद सकता है। हालांकि अभी भी गन्ना किसानों की बड़ी रकम का भुगतान होना बाकी है। लेकिन बीजेपी शासन में गन्ना बकाये के भुगतान की स्थिति पिछली सरकार की तुलना में थोडा बेहतर हुई है। जरा सोचिये, प्रदेश के मुख्यमंत्री के आने भर की सूचना से एक चीनी मिल ने गन्ना किसानों के बकाये का 6 करोड़ रूपए का भुगतान कर दिया है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी उषा सिरोही के समर्थन में चुनावी जनसभा को सम्बोधित करने 22 अक्तूबर की दोपहर बुलंदशहर पहुंचेंगे। इसे योगी इफेक्ट ही कहेंगे कि मुख्यमंत्री के दौरे के ठीक पहले वेव शुगर मिल ने छह करोड़ की राशि का बकाया भुगतान कर दिया है। मिल पर गत पेराई सत्र का 41.36 करोड़ से अधिक की राशि का बकाया था। अभी भी मिल पर किसानों का 35 करोड़ से अधिक की राशि बकाया है। बुलंदशहर की वेव शुगर मिल ने पिछले पेराई सत्र में 91 करोड़ 37 लाख से अधिक की राशि का गन्ना खरीदा था। इसमें से मिल ने कुछ भुगतान कर भी दिया था और पर गन्ना किसानों की 41.62 करोड़ से अधिक की राशि बकाया थी। इसे लेकर किसान काफी परेशान थे और कई बार धरना-प्रदर्शन किया था।

बुलंदशहर उपचुनाव: बीजेपी को सहानुभूति और गन्ने का सहारा

मिल प्रबंधन को डर था कि भुगतान को लेकर कोई मुख्यमंत्री से शिकायत न कर दे। इस डर से मुख्यमंत्री के आने से पहले ही मिल ने छह करोड़ की राशि का भुगतान कर दिया है। मिल अफसरों ने बताया कि नौ फरवरी तक का यह भुगतान किया गया है। मिल प्रबंधन का कहना है कि जो भी भुगतान बकाया है उसे भी जल्द किसानों के खाते में डाल दिया जाएगा। कहा तो यह भी जा रहा कि शेष भुगतान भी नए पेराई सत्र शुरू होने से पहले कर दिया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो इससे सरकार के प्रति मतदाताओं का नजरिया सकारात्मक हो सकता है। बुलंदशहर की सदर सीट पर 3 नवंबर को मतदान होना है। बुलंदशहर सदर सीट पर सीधा मुकाबला बीजेपी और बसपा के बीच ही माना जा रहा। हालांकि चुनाव संग्राम का तीसरा खिलाडी रालोद-सपा का साझा प्रत्याशी है। लेकिन पिछले पांच विधानसभा चुनावों पर नजर डालने पर स्पष्ट हो जाता है कि यहाँ मुकाबला बीजेपी और बसपा के बीच ही होता आया है। इसकी ख़ास वजह मुस्लिम मतदाता हैं।
बुलंदशहर उपचुनाव: बीजेपी को सहानुभूति और गन्ने का सहारा

बुलंदशहर सदर विधान सभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 3 लाख 80 हजार है। इनमें से मुस्लिम मतदाता करीब एक लाख 10 हजार हैं। इनका रुझान चुनाव नतीजे पर सीधा असर डालेगा। वैसे तो बसपा के मोहम्मद यूनुस खान के आलावा अन्य चार मुस्लिम प्रत्याशी भी हैं लेकिन मुस्लिम मतदाता हमेशा बीजेपी के खिलाफ जिताऊ प्रत्याशी को ही वोट देता है इस लिहाज से वोट बंटने की सम्भावना कम ही है।

बुलंदशहर में कुल मतदाता 3.70 लाख (लगभग)

मुस्लिम-1,10, 000. एससी-65000. लोध राजपूत-40000. जाट-40000. ब्राह्मण-35000. अन्य-100000

सोमवार को नाम वापस लेने का दिन था। निर्दलीय प्रत्याशी सीमा ने अपना नाम वापस लिया। इस तरह अब चुनाव मैदान में 18 प्रत्याशी रह गए हैं, जिनके असली मुकाबला बीजेपी, बसपा और रालोद-सपा के बीच ही होना है।

बुलंदशहर सदर के प्रत्याशियों की सूची : 1. ऊषा सिरोही-भाजपा 2. मोहम्मद यूनुस-बसपा. 3. सुशील चौधरी-कांग्रेस. 4. प्रवीण कुमार-रालोद. 5. मोहम्मद यामीन-असपा. 6. महमूद हसन-लोकदल. 7. दिलशाद अहमद-एआईएमआईएम. 8. धर्मेन्द्र कुमार-पीपीआईडी. 9. योगेन्द्र शंकर शर्मा-एनसीपी 10. पृथ्वीराज सिंह-राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (सत्य). 11. उर्मिला राजपूत-राष्ट्रीय क्रांति पार्टी 12. आशीष कुमार- राष्ट्रीय जन नायक पार्टी. 13. राहुल भाटी- राष्ट्रीय जनक्त्रसंति पार्टी. 14. सुमन लोधी- निर्दलीय. 15. मोहम्मद यूनुस- निर्दलीय. 16. गीता रानी शर्मा- निर्दलीय. 17. संजीव कुमार- निर्दलीय 18. राहुल कुमार- निर्दलीय.

ईवीएम में कुल 16 बटन होते हैं इसलिए बुलंदशहर में दो ईवीएम का होगा उपयोग।

पिछले पांच चुनाव

1996 - महेंद्र सिंह यादव-बीजेपी, 2002- महेंद्र सिंह यादव-बीजेपी, 2007-मोहम्मद अलीम खान- बसपा, 2012-मोहम्मद अलीम खान- बसपा, 2017 – वीरेंद्र सिंह सिरोही- बीजेपी

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English summary
Bulandshahr up by election 2020: hope for BJP is sympathy and Sugarcane farmers
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