बुलंदशहर हिंसा: बीजेपी विधायक का खुला खत- सिर्फ सुमित और सुबोध की मौत दिख रही, 21 गायों की नहीं
नई दिल्ली। बुलंदशहर हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगने वाले 83 पूर्व नौकरशाहों को अब भाजपा के एक विधायक ने खुला खत लिखकर चुनौती दी है। इन अधिकारियों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि बुलंदशहर की हिंसा सांप्रदायिक एजेंडे के तहत फैलाई गई थी और पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के हत्यारों को पकड़ने की जगह गोहत्या में संलिप्त लोगों को गिरफ्तारी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। अनूपशहर, बुलंदशहर के विधायक संजय शर्मा ने 83 पूर्व अधिकारियों के नाम लिखे इस खत में लिखा है कि आपका खत देखकर ऐसा लगा कि आपका कृत्य राजनीति से प्रेरित है।
विधायक ने लिखा, 'यदि आप सबने पहले घटना स्थल का दौरा कर वस्तुस्थिति और परिस्थितियों की सही जानकारी ली होती तो मुझे प्रदेश व इसके नागरिकों के बारे में आपकी चिंता को लेकर बिल्कुल शंका नहीं होती।' उन्होंने आगे लिखा है कि आप एक ऐसे मुख्यमंत्री पर एक समुदाय के प्रति दुर्भाव रखने का आरोप लगा रहे हैं, जिसने उसी जनपद में उस समुदाय पर इतना बड़ा 3 दिन का कार्यक्रम कराने की अनुमति दी। वह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न भी हुआ, जैसा इस देश में आज तक कहीं नहीं हुआ। अगर सरकार कोई दुर्भाव रखती तो इस आयोजन की अनुमति ही जारी नहीं होती।
Sanjay Sharma BJP MLA from Anupshahr, Bulandshahr district writes open letter to 83 former bureaucrats demanding CM Yogi Adityanath's resignation, states, "You're seeing deaths of only Sumit and a police officer but not the deaths of 21 cows". pic.twitter.com/aN2CRK7Ku2
— ANI UP (@ANINewsUP) December 20, 2018
भाजपा विधायक ने आगे लिखा है, 'आपके चिंतंनशील मस्तिष्क को केवल दो मौतें दिखाई दे रही हैं, एक सुमित की व एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी की। आपको 21 गौमाता की मौत नहीं दिखाई दे रही है। जिस प्रदेश में किसान दो सला से गौवंश के कारण अफनी फसल में नुकसान होने का दंश सिर्फ इसलिए झेल रहा है कि किम से कम गौमाता तो नहीं कट रही है, जो मुख्यमंत्री को गौकशी रोकने लिए धन्यवाद देता है वह हिंदू चोरी छिपे गौकशी कैसे बर्दाश्त करेगा।' पत्र में कई बातों का जिक्र किया गया है। विधायक ने लिखा, 'रही बात मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगने की तो आपने संविधानव का अपने पत्र में इतनी बार जिक्र किया लेकिन आपको यह अहसास तक नहीं है कि यह उसी संविधानव के अनुरूप जनता द्वारा प्रचंड बहुमत से चुनी सरकार है इसके हटाने व बनाने का काम जनता करती है। आपके जैसे कुछ सिरफिरे नहीं जो एक संवैधानिक संस्था व तंत्र को चैलेंज कर रहे हैं।'