बुलंदशहर उपचुनाव में दिखाया चंद्रशेखर की पार्टी ASP ने दम, तीसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर (सदर) सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रत्याशी उषा सिरोही ने भारी मतों से उपचुनाव में जीत हासिल की है। लेकिन यूपी में नई सियासी ताकत के तौर पर चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (ASP) उभर कर सामने आई है। दरअसल, बुलंदशहर सीट पर पहली बार चुनाव लड़ी आजाद समाज पार्टी (ASP) ने समाजवादी पार्टी-रालोद गठबंधन, कांग्रेस और एआईएमआईएम को पछाड़कर तीसरे नंबर पर मौजदूगी दर्ज कराई। सियासी हलकों में एएसपी प्रत्याशी की इस बढ़त को अप्रत्याशित माना रहा है और बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। तो वहीं, बहुजन समाज पार्टी (BSP) के लिए यह बढ़त खतरे की घंटी साबित हो सकती है।
चंद्रशेखर आजाद और भीम आर्मी का नाम करीब चार या पांच साल पहले चर्चाओं में आया था, जब सहारनपुर में जातीय हिंसा हुई थी। इस दौरान चंद्रशेखर के ऊपर कई मुकदमे भी दर्ज हुए थे। इतना ही नहीं, पुलिस ने चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया था और रासुका भी लगाई थी। लेकिन 2018 के कैराना लोकसभा के उपचुनाव से ठीक पहले एकाएक चंद्रशेखर को जेल से रिहा कर दिया गया था। इसके बाद से ही वो लगातार राजनीति में सक्रिय हो गए और अपनी नई पार्टी का गठन भी कर लिया।
मीट
कारोबारी
मो.
यामीन
को
दिया
था
टिकट
चंद्रशेखर
ने
अपनी
नई
पार्टी
आजाद
समाज
पार्टी
(ASP)
का
गठन
करने
के
बाद
2022
विधानसभा
चुनाव
लड़ने
का
ऐलान
किया
था।
हालांकि,
उपचुनाव
में
ही
एएसपी
की
एंट्री
हो
गई।
चंद्रशेखर
ने
इस
उपचुनाव
में
सभी
सात
सीटों
की
बजाय
सिर्फ
एक
सीट
बुलंदशहर
सदर
पर
कैंडिडेट
उतारा
था।
उन्होंने
खुर्जा
के
मीट
कारोबारी
मो.
यामीन
को
टिकट
दिया।
बीजेपी
और
बीएसपी
के
बाद
तीसरे
नंबर
पर
एएसपी
हालांकि
सियासी
जानकार
एएसपी
को
उपचुनाव
में
हल्के
में
ले
रहे
थे,
लेकिन
चंद्रशेखर
आजाद
ने
कई
दिन
बुलंदशहर
में
प्रचार
किया।
बीजेपी
और
बीएसपी
के
बाद
तीसरे
नंबर
पर
दस्तक
देकर
अपनी
ताकत
का
अहसास
करा
दिया।
चंद्रशेखर
आजाद
का
कहना
है
कि
बुलंदशहर
ट्रायल
था,
फाइनल
2022
में
होगा।
बुलंदशहर
में
वोटों
का
गणित
बीजेपी
(उषा
सिरोही)
86879
बीएसपी
(हाजी
यूनुस)
65917
एएसपी
(मो.
यामीन)
13402
कांग्रेस
(सुशील
चौधरी)
10137
एसपी-आरएलडी
(प्रवीन
कुमार)
7132