कॉपी जांचने बैठे मास्टर साहब तो बरसने लगे रुपए, छात्र बताने लगे क्यों पास होना है जरूरी?
ये बातें यूपी बोर्ड के एक-दो नहीं, दर्जनों परीक्षार्थियों ने अपनी कॉपियों में लिखी है। जिसे पढ़कर एग्जामिनर रूम में ठहाकों की आवाज गूंजने लगी।
इलाहाबाद। जरा सोचिए कि आप कॉपी जांच रहे हों और प्रश्न के उत्तर की जगह लिखा हो कि...
'गुरू
जी
अच्छे
नंबर
से
पास
कर
दो,
आपको
अम्मा
की
कसम
है,
आपकी
सेवा
में
ये
100
रुपए
भेज
रहा
हूं
बस
नंबर
अच्छे
दे
दीजिए।'
'गुरू
जी
मेरी
शादी
होने
वाली
है,
अगर
मैं
अच्छे
नंबर
से
पास
न
हुई
तो
मेरी
शादी
टूट
जाएगी,
मुझे
इस
विषय
में
पास
कर
दो।'
'गुरू
जी
मैं
बड़े
गरीब
घर
का
लड़का
हूं,
अब
सब
आपके
हाथ
में
है,
पास
कर
दीजिए।'
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हंसी आई कि नहीं, इन बातों को पढ़कर! ये बातें यूपी बोर्ड के एक-दो नहीं, दर्जनों परीक्षार्थियों ने अपनी कॉपियों में लिखी है। जिसे पढ़कर एग्जामिनर रूम में ठहाकों की आवाज गूंजने लगी। ये कोई पहली बार नहीं हो रहा। ये हथकंडा वर्षों से आजमाया जा रहा है। दरअसल हर बार की तरह इस बार भी यूपी बोर्ड की परीक्षा के बाद कॉपियां जांची जा रही हैं और कॉपियों में नोट मिलने और प्रश्न के उत्तर की जगह मिन्नतें और भावनात्मक बातें लिखी होने का दिलचस्प नजारा देखने को मिल रहा है। किसी कॉपी में 50 रुपए के नोट तो किसी में 100 रुपए के नोट नत्थी किए हुए मिल रहे हैं। किसी कॉपी में कसम तो किसी में फरियाद लिखी है।
253 केंद्रों पर जांची जा रही हैं कॉपियां
यूपी
बोर्ड
की
परीक्षा
खत्म
होने
के
बाद
प्रदेश
भर
में
253
मूल्यांकन
केंद्र
बनाए
गए
हैं।
जहां
एग्जामिनर
कांपियां
जांच
रहे
हैं।
ये
वाक्या
किसी
एक
जगह
का
नहीं
बल्कि
कई
जगह
का
है।
इलाहाबाद
के
एंग्लो-बंगाली
इंटर
कॉलेज
में
बने
मूल्यांकन
केंद्र
पर
कॉपी
जांचने
के
दौरान
ऐसा
ही
वाक्या
सामने
आया।
कॉपी
के
बीच
में
50
रुपए
का
नोट
रखा
था
और
लिखा
था
'गुरूजी
कृपया
अच्छे
नंबरों
से
पास
कर
दें,
मेरी
इतनी
ही
क्षमता
आपकी
सेवा
करने
की
है।'
टीचरों
का
कहना
है
कि
हर
रोज
ही
इस
तरह
का
वाक्या
होता
है।
लेकिन
क्या
किया
जाए
अब
नंबर
तो
प्रश्न
के
उत्तर
के
देने
हैं।
सबसे
दिलचस्प
बात
ये
है
कि
कॉपियों
में
एक
दो
लाइन
ही
नहीं
बल्कि
लंबी-चौड़ी
बातें
और
मजबूरी
लिखी
जाती
है।
जैसे
की
नाम,
हालात,
पढ़
न
पाने
की
वजह,
बीमारी
आदि।
जिसे
पढ़कर
एग्जामिनर
बिना
हंसे
नहीं
रह
पाते।
क्या होता है पैसों का?
जब पड़ताल की गई कि कॉपियों में मिलने वाले इन नोटों का क्या होता है तो पता चला कॉपियां जांचने के बाद चाय-पानी के इंतजाम में नोट इस्तेमाल हो जाते हैं। एक टीचर कहते हैं अब लक्ष्मी का अनादर तो नहीं कर सकते ना। हालांकि इन बातों व नोटों के बदले क्या नंबर मिलते होंगे? ये परीक्षक के मूड पर ही निर्भर होता है।
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