VIDEO: कानपुर का अनोखा 'बोन बैंक' जहां लॉकर में सुरक्षित रहती हैं अस्थियां
कानपुर।
रोटी
बैंक,
ब्लड
बैंक
व
मुद्रा
बैंक
का
नाम
तो
आपने
सुना
ही
होगा
लेकिन
अस्थि
कलश
बैंक
के
बारे
में
बहुत
कम
लोग
ही
जानते
होंगे।
जी
हां
कानपुर
में
गंगा
तट
बने
मोक्ष
धाम
पर
एक
समाजसेवी
ने
अस्थि
कलश
बैंक
बनाया
है।
इस
बैंक
में
पुरखों
की
अस्थियां
जमा
की
जाती
हैं
और
बाकायदा
उनको
एक
कार्ड
भी
दिया
जाता
है
जिसपर
नाम
पता
व
लाकर
नंबर
लिखा
होता
है।
अस्थि
कलश
रखने
वाले
लोगों
को
तय
समय
पर
बैंक
से
अस्थियां
निकालकर
पवित्र
नदियों
में
विसर्जित
करना
होता
है
अगर
वह
समय
पर
अस्थियों
को
बैंक
से
नहीं
निकालते
है
तो
उनका
भूमि
विसर्जन
संस्था
द्धारा
किया
जाता
है।
कानपुर में अस्थि बैंक की स्थापना की है युग दधीचि देहदान संस्था के संस्थापक मनोज सेंगर ने। अस्थि बैंक की स्थापना करने के पीछे इनका उद्देश्य है कि जब लोग शवदाह करते है तो राख अधजली लकडियां अधजले शवों को गंगा में प्रवाहित कर देते है जिससे गंगा मैली होती है। कई लोग वह होते हैं जो अस्थियों को चुन तो जरूर लेते है लेकिन उनका तुरंत विसर्जन नहीं करते हैं। ऐसे में वो अस्थियों को घर में नहीं रख पाते है और घर के बाहर संभाल के रखना संभव नहीं होता है।
मोक्ष धाम घाट पर आने वाले लोगों को विद्युत शवदाह के प्रति लोगों को प्रेरित किया जाता है। तमाम लोग अब विद्युत शवदाह करने के बाद अस्थियों को बैंक में जमा कर रहे है। इसके बदले में संस्था द्धारा कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। अस्थि कलश बैंक के संस्थापक मनोज सेंगर का कहना है कि हर माह करीब सौ से ज्यादा अस्थि कलश बैंक में जमा होते है। कलश पर मृतक का नाम पता लिखकर एक कार्ड बनाकर दिया जाता है। अगर तीस दिनों तक अस्थियों को बैंक से नहीं निकाला जाता है तो संस्था खुद ही अस्थियों का भू विसर्जन करते है। मनोज सेंगर का कहना है कि जल्द ही शहर के और घाटों पर इस तरह के अस्थि बैंक बनाए जाएंगे।
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