अमेठी में विरोधियों के बीच बुरी फंसी बीजेपी, कालिख पोतकर छुपाई गलती
इनमें से कुछ वो पत्थर अमेठी में चर्चा का विषय बने हैं। जिस पर गौरीगंज के सपा विधायक का नाम लिखा था और बाद में उसे मिटाने के लिए कालिख पोती गई।
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अमेठी। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सीएम योगी संग मिलकर मंगलवार को अमेठी में करोड़ों की जिन योजनाओं का इनॉग्रेशन कर कांग्रेस और गांधी परिवार पर हमले किए थे, बुधवार को खुद उन्हीं की पार्टी अपने कारनामों के चलते विपक्ष के निशाने पर आ गई है। दरअसल मामला इनॉग्रेशन के उन पत्थरों से जुड़ा है जिस पर से मंगलवार को बीजेपी के दिग्गजों ने पर्दे हटाए थे। इनमें से कुछ वो पत्थर अमेठी में चर्चा का विषय बने हैं। जिस पर गौरीगंज के सपा विधायक का नाम लिखा था और बाद में उसे मिटाने के लिए कालिख पोती गई।
कौहार में जुटे थे बीजेपी के ये दिग्गज
आपको बता दें कि मंगलवार को अमेठी के गौरीगंज मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर दूर कौहार के मैदान पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष समेत यूपी सरकार के मंत्रियों का जमावड़ा लगा था। सभी ने विकास के मुद्दे पर कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी को घेरा था। खुद सीएम योगी ने सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमने जब प्रदेश की सत्ता संभाली थी तब मैंने प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थित को देखा था। जिसपर पिछली सपा सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया था। मोदी जी ने यूपी के लिए 24 लाख आवास देने की बात कही थी जिसमें पहले साल 9 लाख आवास ग्रामीण क्षेत्र में बनने थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने अबतक ग्रामीण क्षेत्रों में आठ लाख आवास दिए हैं और शहरी क्षेत्र में भी हमने एक लाख से ज्यादा आवास दिए हैं।
विधायक बोले बीजेपी का तो न्योता भी नहीं मिला
इस सबके बावजूद बुधवार को बीजेपी चौतरफा विपक्ष से घिर उठी। हुआ ये के बीजेपी द्वारा अमेठी के जिन 7 परियोजनाओं का लोकार्पण और 5 का शिलान्यास किया गया और जिस सपा सरकार पर सीएम ने जो तंज कसे उसी सपा पार्टी के विधायक राकेश सिंह मऊ का नाम शिलापट के पत्थर से कालिख पोतकर मिटाया गया। जिसके बाद अमेठी में एक बार फिर सियासत गर्मा गई।
विधायक बोले बीजेपी का तो न्योता भी नहीं मिला
गौरीगंज के सपा विधायक राकेश सिंह ने कहा कि उनका नाम कैसे पत्थर पर आ गया उन्हें नहीं पता। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने के न्योते के मिलने से भी इनकार किया और कहा कि वो पता लगा रहे हैं कि किस साजिश के तहत ये मामला अंजाम पाया। उन्होंने ये भी कहा की बीजेपी का कार्यक्रम था इसलिए उसमें शामिल होने का मतलब भी नहीं था।
बीजेपी की ओर से आया बयान- सरकारी था कार्यक्रम
वहीं कांग्रेस के एमएलएसी दीपक सिंह ने पत्थर की इस राजनीति पर बीजेपी पर जबर्दस्त तंज कसा। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने हर गलत काम को सही ठहराती है। अपने झूठ पर सच का पर्दा डालने वाली बीजेपी को जनता माफ नहीं करेगी।
बीजेपी की ओर से आया बयान- सरकारी था कार्यक्रम
इस मुद्दे पर जब बीजेपी जिलाध्यक्ष उमाशंकर पांडेय से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हमारी जानकारी में ना ऐसा कुछ है और ना ही उन्होंने ऐसे किसी पत्थर को देखा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वो डीएम से जानकारी लेंगे क्योंकि ये कार्यक्रम पार्टी का नहीं सरकारी कार्यक्रम था।
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