यूपी चुनाव में मुस्लिम वोटों के लिए भाजपा का मेगा प्लान, बूथ अध्यक्षों को इतने वोट जुटाने का दिया टारगेट
लखनऊ, 13 अक्टूबर: 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा लगता है कि इसबार बदली हुई रणनीति के तहत मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। वह समाज के हर वर्ग को साथ लेने की योजना पर काम कर रही है और पार्टी सूत्रों के मुताबिक वह जाति और धर्म से अलग विकास और कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर अपने पक्ष में माहौल खड़ा करने की भी कोशिश में है। इसी रणनीति के तहत पार्टी ने अपने अल्पसंख्यक मोर्चा को खास टारगेट दिया है कि उन्हें हर बूथ पर कम से कम 30 अल्पसंख्यकों (मुस्लिम पढ़ें) को बीजेपी को वोट डालने के लिए राजी करें।
यूपी में अल्पसंख्यक वोटों पर भी भाजपा की नजर
हिंदू वोट वैंक पर भाजपा की मजबूत पकड़ ढीली करने के लिए उसके विरोधी दलों के टोन भी उत्तर प्रदेश में इसबार बदले-बदले नजर आते हैं। लेकिन, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव की अहमियत समझते हुए बीजेपी ने अपनी रणनीति में ही बहुत बड़ा परिवर्तन कर लिया है। पार्टी ने बहुत ही गुपचुप तरीके से अल्पसंख्यक वोट जुटाने का एक बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। जैसा भाजपा ने कभी नहीं किया, इसबार उसने अल्पसंख्यक-बहुल बूथों के लिए अपने कार्यकर्ताओं को खास संख्या में वोट जुटाने का टारगेट दिया है। भाजपा के पदाधिकारियों के मुताबिक भी यह पिछले चुनावों से अलग रणनीति है।
हर बूथ पर 30 अल्पसंख्यक वोट का टारगेट
मोटे अनुमानों के मुताबिक राज्य के कुल 1.63 लाख बूथों में से करीब 50,000 बूथ ऐसे हैं, जहां पर अल्पसंख्यक वोट परिणामों को मोड़ सकते हैं। पार्टी के ऐसे बूथ अध्यक्षों और अल्पसंख्यक सेल के लोगों से कहा गया है कि वह अपने-अपने स्तर पर कम से कम 15-15 मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में वोट डालने के लिए समझाएं। सूत्रों के मुताबिक यह निर्देश प्रदेश के संगठन महामंत्री सुनील बंसल की ओर से दिया गया है। वैसे यूपी में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष बासित अली का दावा है कि इस बार हर बूथ से 100 अल्पसंख्यक वोट जुटाने का टारगेट दिया गया है।
योजनाओं के लाभार्थियों पर ही भाजपा की नजर
यूपी चुनाव में बीजेपी अल्पसंख्यक वोटों को लेकर यूं ही उम्मीदें नहीं पाल रही है। इसकी खास वजह भी है। मसलन, बासित अली ने कहा है, 'मुफ्त राशन वितरण और सबको आवास समेत तमाम योजनाओं के करीब 30% लाभार्थी अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए ऐसे ही लाभार्थियों तक पहुंचने का आइडिया है।' उनके मुताबिक मुस्लिम बुद्धिजीवियों और दूसरे अल्पसंख्यकों को भी अपने साथ जोड़ने की योजना है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि पहले यूपी में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के पास बूथ स्तर पर सदस्य नहीं थे। लेकिन, इस बार अल्पसंख्यक सेल के पास जमीनी स्तर का संगठन है।
अधिकतर बूथों पर अल्पसंख्यक मोर्चा का संगठन तैयार
50,000 अल्पसंख्यक-बहुल बूथों में से इस समय करीब 7,000 से 8,000 ही ऐसे बूथ हैं, जहां अभी तक पार्टी का बूथ-स्तरीय संगठन खड़ा नहीं हो पाया है। बाकी में पूरा ढांचा तैयार है। बासित अली के मुताबिक 'इस तरह के ढांचे से अल्पसंख्यक युवाओं, महिलाओं और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।' अधिकतर अल्पसंख्यक-बहुल बूथों के अध्यक्षों की पहचान करके उन्हें भाजपा के पक्ष में 15 मतदाताओं को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
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यूपी में जाति-धर्म से ऊपर उठेगी बीजेपी !
अल्पसंख्यक मोर्चे के बाकी वरिष्ठ सदस्यों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है। उन्हें भी हर बूथ से 15 अल्पसंख्यक वोट बीजेपी को दिलाने का टारगेट दिया जाएगा। भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी जाति और धर्म के आधार पर वोट बंटने नहीं देना चाहती। उसका लक्ष्य विकास और कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर समर्थन हासिल करना है। (कुछ तस्वीरें- सांकेतिक)