नरेंद्र मोदी के सपने को पलीता लगा रहे BJP विधायक, कॉलेज के नाम पर छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़
2015 में इस योजना के तहत 18 छात्राओं ने फैशन टैक्नॉलाजी में एडमिशन लिया लेकिन अब दो साल बीत जाने के बाद भी अभी तक सिर्फ एक सेमेस्टर की परीक्षाएं ही विश्वविद्यालय करा सका है।
वाराणसी। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं, वहीं उनके खुद के विधायक प्रधानमंत्री की योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं। मामला वाराणसी के सुंदरपुर में स्थित धीरेंद्र महिला महाविद्यालय का है जो की बीजेपी विधायक रविंद्र जायसवाल का है। जहां छात्राएं पढ़ तो रही हैं लेकिन परीक्षा नहीं होती।
क्या हैं मामला?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में पिछले दो हफ्तों से निजी शिक्षण संस्थाओं में चल रहे अनियमितता और फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आए हैं अब ताजा मामला भाजपा विधायक रविंद्र जायसवाल के कॉलेज धीरेंद्र महिला महाविद्यालय से जुड़ा है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक योजना के तहत अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई जिसके तहत अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को फैशन डिजायनिंग और तमाम तरह के अलग-अलग व्यवसायिक कोर्स कॉलेजों में पढ़ाने का इंतजाम किया गया था, जिसकी परीक्षाओं को लेने और डिग्री देने की जिम्मेदारी काशी विद्यापीठ के उपर थी। 2015 में इस योजना के तहत18 छात्राओं ने फैशन टैक्नॉलाजी में एडमिशन लिया लेकिन अब दो साल बीत जाने के बाद भी अभी तक सिर्फ एक सेमेस्टर की परीक्षाएं ही विश्वविद्यालय करा सका है। हालांकि उस वक्त तक काशी विश्वविद्यालय से समबद्धता नहीं हुई थी लेकिन छात्राओं को अंधेरे में रखकर एडमिशन जारी रखा गया।
क्या
कहती
हैं
छात्राएं?
अब यहां की छात्राएं अपने करियर को लेकर चिंतित हैं। कोर्स कर रही अशफिया और साधना कहती हैं कि तीन साल के कोर्स में दो साल बीतने के बाद भी बस एक सेमेस्टर की परीक्षाएं ही संचालित हुई हैं। जब हम पूछते हैं तो कॉलेज प्रबंधन कहता है कि ये विद्यापीठ की गलती है। जबकि पीएम मोदी की योजना का लालच देकर हमारा एडमिशन लिया गया और अब विद्यापीठ का हवाला दे रहे हैं। ऐसे में अब हम कहा जाएं अब जब दो साल बीत गए हैं।
क्या कहा कॉलेज प्रबंधन ने?
आज सुबह जैसे ही छात्रा और उनके परिजन परीक्षाओं के संबंध में जानकारी लेने कॉलेज पहुंचे तो कॉलेज प्रशासन पूरी तरह से बगले झांकने लगा और कोर्स के पूरा कराने में हो रही देरी के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कॉलेज के को-ऑर्डिनेटर हेमंत कुमार ने कहा की विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं को ठीक ढंग से लागू नहीं कर रहा है और कॉलेज प्रशासन इस मामले को अपने चेयरमैन बीजेपी विधायक रविंद्र जायसवाल के माध्यम से विधानसभा में उठांएगे। वहीं कॉलेज प्रशासन से जुड़े हेमंत ने ये भी बताया की इस योजना के तहत यूजीसी की तरफ से सालाना तीन करोड़ सत्तर लाख की वित्तीय मदद भी मिलती है।
क्या
कहता
हैं
विश्वविद्यालय?
वही सत्ता से जुड़े विधायक के कालेज का मामला होने की वजह से महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय प्रशासन के भी हाथ पांव फूलने लगे और विशवविद्यालय के कुलपति पृथवीश नाग ने मिडिया से बात करने से इंकार कर दिया और सारा मामला विशवविद्यालय के रजिस्ट्रार के पाले मे फेकते हुए उनसे जानकारी लेने को कहा जब रजिस्ट्रार ओमप्रकाश से इस मुद्दे के बाबत सवाल जवाब किया गया तो पहले तो वो बगलें झांकने लगे और उन्होने माना कि 2015 मे सम्बध्ता के लिये विशविद्यालय के पास आई थी जिसे 2016 मे मान्यता दे दी गई लेकिन परीक्षाओं को कराने और कोर्स को सही समय पर पूरा कराने के सवाल पर रजिस्ट्रार साहब पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आए और कहा कि समय सीमा के भीतर परीक्षाएं करा ली जायेगी। वहीं मामला गरमाता देख विधायक रविंद्र जायसवाल भी तुरंत डैमेज कंट्रोल में जुट गए और तत्काल ही कुलपति से मिलने विश्वविद्यालय पहुंचे।
ऐसे कैसे पढ़ेगा इंडिया?
अभी तीन दिन पहले ही संतुष्टि अस्पताल की नर्सिंग छात्राओं के मामले में जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद जिलाधिकारी ने छात्राओं की फीस सूद समेत लौटाने के निर्देश दिए हैं। उससे अब इन निजी संस्थाओं में फर्जीवाड़े के शिकार लोगों को एक उम्मीद जगी है और लगातार नए नए मामले अब सामने आ रहे हैं लेकिन बड़ा सवाल इस मामले में ये है कि कैसे केंद्र द्वारा संचालित किसी योजना को खुद भाजपा के विधायक पलीता लगा रहे हैं।
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