गरीबों की स्कॉलरशिप का फायदा उठा विदेश पढ़ने जाएगी BJP मंत्री की बेटी
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां आम जनता को विभिन्न प्रकार का अनुदान छोड़ने की अपील कर रहे हैं, वहीं उनके ही पार्टी के लोग विशेष सुविधा का लाभ उठाते दिख रहे हैं। राज्य के सामाजिक न्यायमंत्री राजकुमार बडोले की बेटी को सरकार की तरफ से स्कॉलरशिप दिए जाने की जानकारी सामने आयी है। एक तरफ जहां भाजपा सरकार गैस सब्सिडी छोड़ने की बात कर रही है और किसानों से कर्जमाफी नकारने की अपील कर रही है। ऐसे में राज्य के भाजपा मंत्री और शासकीय अधिकारी स्कॉलरशिप का लाभ लेते हुए नजर आ रहे हैं। राजकुमार बडोले की बेटी को सरकार की तरफ से विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप प्राप्त होने की जानकारी शासन निर्णय के जरिए जानकारी सामने आयी है।
अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को विदेश जाकर शिक्षा लेने के लिए सामाजिक न्याय विभाग की यह एक योजना है। जिसमें होशियार और जरुरतमंद विद्यार्थियों को इस योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए मदद दी जाती है। लेकिन अब खुद सामाजिक न्यायमंत्री की बेटी को विभाग की ओर से स्कॉलरशिप घोषित की गई है। राजकुमार बडोले की बेटी श्रुती बडोले अॅस्ट्रॉनॉमी और अॅस्ट्रॉफिजिक्स विषय में पीएचडी करने के लिए स्कॉलरशिप दी गई है। इंग्लैंड में मैंचेस्टर विश्वविद्यालय में तीन साल के लिए शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी।
प्रधानमंत्री एक ओर देश में आम जनता से गैस अनुदान को छोड़ने की अपील कर रहे हैं, वहीं उनके पार्टी के नेता आर्थिक परिस्थिती अच्छी होने के बावजूद खुद के विभाग का इस्तेमाल करके योजना का लाभ ले रहे हैं। न्यायमंत्री की बेटी को स्कॉलरशिप का लाभ मिलने से यह साफ जाहिर होता है कि जरुरतमंद विद्यार्थियों के खिलाफ अन्याय हो रहा है। सामाजिक न्यायमंत्री के साथ साथ समाज कल्याण के सचिव दिनेश वाघमारे ने भी अपने परिवार का योजना के जरिए काफी लाभ उठाया है। दिनेश वाघमारे का बेटा अंतरिक्ष वाघमारे को भी स्कॉलरशिप प्राप्त हुई है। उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारी दयानंद मेश्राम के बेटे का नाम भी सूची में पाया गया है।
अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को विदेश में पढने के लिए दिए जानेवाले स्कॉलरशिप के कुछ नियम हैं, जैसे विद्यार्थी का परिवार और स्वंय विद्यार्थी नौकरी कर रहा हो तो सालाना आय 6 लाख से ज्यादा नहीं होना चाहिए। विद्यार्थी अनुसूचित जाति और नवबौद्ध समाज का महाराष्ट्र के निवासी होना चाहिए। विद्यार्थी द्वारा राज्य व केंद्र सरकार की स्कॉलरशिप प्राप्त नहीं की होनी चाहिए। लाभार्थी की उम्र कम से कम 35 वर्ष और पीएचडी के लिए 40 वर्ष होना चाहिए। पोस्ट ग्रेजुएशन में कम से कम 55 प्रतिशत अंक होने चाहिए। स्कॉलरशिप मिलने के बाद लाभार्थी ने देश की सेवा करना चाहिए, ऐसा पत्र विद्यार्थी को देना होता है।
कितना
है
मंत्रियों
का
वेतन
विधायक-
प्रधान
सचिव
1
लाख
60
हजार
से
1
लाख
70
हजार
तक
वेतन
प्राप्त
होता
है।
राज्यमंत्री
-
अतिरिक्त
मुख्य
सचिव
को
1
लाख
से
79
हजार
से
1
लाख
99
हजार
तक
वेतन
मिलता
है।
केबिनेट
मंत्री
-
मुख्य
सचिव
को
1
लाख
80
हजार
से
2
लाख
इतना
वेतन
मिलता
है।