दोस्त की गाड़ी रोकने पर पहुंचे बीजेपी नेता, पुलिस को दी गाली, बाद में उल्टा पुलिस ने मांगी माफी
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में एक आदमी के पास ना तो डीएल था और ना ही वाहन के वाहन के कागजात। बावजदू इसके पुलिस ने जब उसे रोका तो उसने एक बीजेपी नेता को बुला लिया। वहां पहुंचकर उस बीजेपी नेता ने पुलिस को गाली भी दी और उसके साथ अभद्रत भी की। वह बार-बार पुलिस से खुद के रसूखदार होने की बात कहता रहा।
जहां एक ओर लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी पूरी मेहनत के साथ लोगों को ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ा रहे है तो वही दूसरी ओर सत्ताधारी लोग उनकी इस मुहीम पर पलीता लगा रहे हैं। अब रविवार के मामले को ही देख लीजिये जहां एक व्यक्ति बस इस बात पर भड़क गया क्योंकि पुलिस ने उनकी गाड़ी सीज कर दी थी। गाड़ी के मालिक ने फ़ौरन ही फ़ोन करके भाजपा के नेता को बुला लिया। जिसके बाद तो उसने ने न सिर्फ पुलिस वालों से अभद्रता की बल्कि काफी देर तक हंगामा भी किया।
न
तो
युवक
के
पास
गाड़ी
के
कागज
थे
ना
ही
लाइसेंस
जानकारी
के
मुताबिक,
राजधानी
के
विकासनगर
थानाक्षेत्र
के
टेढ़ीपुलिया
चौराहे
पर
दो
पहिया
वाहनों
पर
हेलमेट
नहीं
पहनने
वालों
के
खिलाफ
सघन
चेकिंग
अभियान
चलाया
जा
रहा
था।
इसी
बीच
एक
एक्टिवा
स्कूटी
चालक
आलोक
सिंह
वर्मा
बिना
हेलमेट
के
चौराहे
से
गुजर
रहा
था।
पुलिस
ने
चेकिंग
के
लिए
उसे
रोका
तो
न
तो
उसके
पास
गाड़ी
के
कागज़
थे
और
न
ही
ड्राइविंग
लाइसेंस।
कागज
न
होने
के
बाद
भी
व्यक्ति
ने
टीएसआई
के
साथ
फ़ोन
पर
बात
करने
को
लेकर
अभद्रता
करने
लगा,
जिसके
बाद
टीएसआई
ने
उसकी
स्कूटी
सीज
कर
दी।
इसके
कुछ
देर
ही
बाद
व्यक्ति
के
बुलावे
पर
भाजपा
के
अवध
क्षेत्र
के
क्षेत्रीय
मंत्री
त्रयम्बक
तिवारी
दल-बल
के
साथ
पहुँचकर
चौराहे
पसर
मौजूद
टीएसआई
अभिषेक
सिंह
को
अपने
पद
का
हवाला
देते
हुए
सीज
हुई
गाड़ी
को
छोड़ने
को
कहा।
दिखी
नेता
की
दबंगई
इतने
पर
टीएसआई
ने
ट्रैफिक
नियमों
के
विरुद्ध
नहीं
जाने
की
बात
कही।
एसआईटी
के
इतना
कहते
ही
त्रयम्बक
तिवारी
ने
आग
बबूला
होकर
उनके
साथ
अभद्रता
करनी
चालू
कर
दी।
हंगामे
की
सूचना
पाकर
इंस्पेक्टर
विकास
नगर
वीरेंद्र
सोनकर
मौके
पर
पहुंचे
और
त्रयम्बक
से
पुलिसकर्मियों
की
तरफ
से
मांफी
मांगते
हुए
मामला
शांत
करने
की
बात
कहीं।
भाजपा
नेता
त्रयम्बक
पुलिसकर्मियों
की
बर्खास्तगी
की
मांग
करते
हुए
उनके
खिलाफ
एफआईआर
दर्ज
करवाने
की
मांग
पर
अड़े
रहे।