बड़ी लापरवाही: सरकार ने स्कूली बच्चों के लिए भिजवा दिए एक ही पैर के 52 हजार जूते
फर्रुखाबाद। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ इससे भद्दा मजाक भला और क्या होगा कि सरकार ने उनके लिए एक ही पांव के 52 हजार जूते भिजवा दिए। ये करीब तीन महीने पहले तब आए थे, जब पिछला सत्र खत्म होने को था। इनके डिब्बे खुले तो पूरी पोल भी खुल गई। 2.86 करोड़ रुपये से खरीदे गए 2.11 लाख जूते एक साल की वारंटी वाले थे, पर वे एक महीने में फट गए। अब गाजियाबाद की फर्म पावरटेक इलेक्ट्रो इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को एक पांव वाले 52 हजार जूते लौटाए जा रहे हैं।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत हुई लापरवाही
सर्व शिक्षा अभियान के तहत पिछले सत्र से आठवीं तक के बच्चों को पहली बार जूते की आपूर्ति की गई है। अलीगढ़ के 1776 प्राइमरी और 735 जूनियर हाईस्कूल में पढ़ने वाले 2.11 लाख बच्चों को भी लाभ मिलना था। सरकार ने 2.86 करोड़ रुपये बजट दिया और गाजियाबाद की फर्म पावरटेक इलेक्ट्रो इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को आपूर्ति का ठेका भी।
खरीदे गए थे 2 लाख जूते
फर्म से दो लाख 11 हजार 216 जूते खरीदे गए। तीन महीने पहले आए डिब्बे जब खोले गए तो घटिया माल और बेइंतहा लापरवाही ने शिक्षा विभाग के अफसरों को चौंका दिया। गिनती हुई तो एक ही पांव व कटे-फटे 52,804 जूते निकले। खादिम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की ओर से भेजे गए मोजे भी छोटे-बड़े हैं। हजारों तो एक ही पांव के हैं।
23 हजार मौजे भी लौटाए गए
ऐसे 23,234 मोजे भी लौटाए जा रहे हैं। ये बांटे भी न जा सके। इन्हें टेस्टिंग लैब ने भी ओके बता दिया था। एक साल की वारंटी में आए अच्छे जूते भी तीन महीने में ही फट गए। सवाल है कि यह कैसी जांच थी। इस संबंध में अब अलीगढ़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी और प्रशासनिक कम्पनी को माल वापस कर कार्रवाई की बात कर रहे हैं। एक सवाल ये भी उठता है कि आखिर एक इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट बनाने वाली कम्पनी को जूते का ठेका कैसे दे दिया गया।
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