योगी सरकार आते ही बड़े घोटाले का पर्दाफाश, बॉलीवुड गानों और सब्जियों के नाम पर राशन कार्ड
आरोपी पीडीएस डीलर पदम सिंह ने फतेहाबाद तहसील के निबोहरा गांव में करीब 350 ऐसे परिवारों के नाम पर राशन कार्ड जारी किए जो कि हकीकत में हैं ही नहीं।
आगरा। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के साथ ही एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। आगरा जिले में पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) डीलर ने करीब 350 ऐसे नामों से राशन कार्ड जारी किए जो कि मौजूद ही नहीं हैं और उन्हें सब्सिडी वाली चीजें भी बांटी। ये राशन कार्ड बॉलीवुड के गानों, फलों, सब्जियों और रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों के नाम पर बनाए गए हैं।
'हवस'
फिल्म
के
गाने
पर
बने
राशन
कार्ड
आरोपी
पीडीएस
डीलर
पदम
सिंह
ने
फतेहाबाद
तहसील
के
निबोहरा
गांव
में
करीब
350
ऐसे
परिवारों
के
नाम
पर
राशन
कार्ड
जारी
किए
जो
कि
हकीकत
में
हैं
ही
नहीं।
उसने
कुछ
नाम
1974
में
आई
बॉलीवुड
फिल्म
'हवस'
के
गाने
'तेरी
गलियों
में
ना
रखेंगे
कदम'
से
शब्द
अलग-अलग
करके
रखे।
सरकारी
राशन
कार्ड
की
कॉपी
से
पता
चला
कि
डीलर
ने
किस
तरह
घोटाला
किया।
राशन
कार्ड
में
'तेरी'
को
'गलियों'
की
मां
बताया
गया
है
जबकि
'रखेंगे
कदम'
को
'में
ना'
का
बेटा
लिखा
गया
है
और
'आज'
को
'के
बाद'
पिता
बताया
गया
है।
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योगी
इफेक्ट:
पांच
साल
से
अधूरी
सड़क
आदेश
के
बाद
रातों
रात
बनकर
हो
गई
तैयार
सब्जियों
के
नाम
पर
भी
बने
राशन
कार्ड
इसी
तरह
'नागिन'
को
'नाच'
की
मां
बताया
गया
है
और
'तुमसे
मिलने'
को
'ना
आएंगे'
की
मां
लिखा
गया
है।
एक
अन्य
राशन
कार्ड
से
खुलासा
हुआ
कि
55
साल
का
कुंवारा
शख्स
मनोहर
सिंह
एक
ऐसे
परिवार
का
प्रमुख
था
जिसमें
'आलू'
'लौकी'
का
पिता
है,
'भिंडी'
'बैगन'
की
मां
है,
'बादाम'
'पिस्ता'
का
पिता
है,
'नारियल'
'अखरोट'
का
बेटा
है
और
'सुपाड़ी'
'लौंग'
का
पिता
है।
पदम
सिंह
ने
इन
फर्जी
नामों
से
बनाए
राशन
कार्ड
धारकों
को
दो
साल
से
लगातार
सरकारी
राशन
दिया
है।
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योगीराज
में
एक
और
बड़ा
इस्तीफा,
यूपी
लोकायुक्त
के
थे
दावेदार
प्रधान
के
पति
ने
किया
भंडाफोड़
निबोहरा
गांव
की
प्रधान
कमला
देवी
के
पति
भगवान
ने
इस
घोटाले
का
खुलासा
किया
है।
उन्होंने
बताया,
'हमें
करीब
3500
फर्जी
राशन
कार्ड
मिले
हैं
जिन
पर
पदम
सिंह
सरकारी
राशन
दे
रहा
था।
बीते
दो
साल
से
गांव
के
एक
भी
आदमी
को
सरकारी
राशन
नहीं
मिला
है।
सरकार
बदलने
के
बाद
स्थानीय
प्रशासन
ने
उसकी
डीलरशिप
कर
दी
लेकिन
कोई
एक्शन
उसके
खिलाफ
नहीं
लिया
गया।'
आरोपी
डीलर
के
खिलाफ
भगवान
ने
लंबी
लड़ाई
लड़ी
और
अकेले
ही
तमाम
अधिकारियों
से
मुलाकात
करके
सबूत
जुटाए।
साल
2014
में
भी
उसका
डीलरशिप
का
लाइसेंस
रद्द
कर
दिया
गया
था
लेकिन
साल
के
अंत
तक
उसने
फिर
हासिल
कर
लिया।