Triple talaq: तीन तलाक अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जाएंगे उलमा
बरेली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन तलाक कानून का विरोध फिर से शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश में बरेलवी उलेमाओं ने शरीयत में दखल मानते हुए इस कानून को चुनौती देने की घोषणा की है। दरगाह आला हजरत स्थित नूरी महमान खाना में तीन तलाक के संबंध में उलेमाओं और बुद्धिजीवियों की एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन तलाक के अध्यादेश को मुसलमानों के मजहवी और शरई मामलों में दखल बताया गया। बैठक में फैसला हुआ है कि सरकार द्वारा लाए गए तीन तलाक के अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी जिसके लिए वकीलों से बात की जा रही है।
बैठक में मौलाना सईद नूरी ने कहा कि केन्द्र सरकार जान बूझकर मुसलमानों को परेशान कर रही है। तीन तलाक के अलावा भी देश में गौ रक्षा के नाम पर असामजिक तत्व मुसलमानों को जगह जगह निशाना बनाकर मार रहे हैं। लोकतांत्रिक देश में इस तरह की घटनाएं देश हित में नहीं है इससे दोनों सम्प्रदायों में नफरत की भावना पैदा हो गयी है। जगह जगह संविधान की धाराओं का उल्लघंन किया जा रहा है, देश संविधान से चलता है ना कि चन्द लोगों के सिमित नजरिए से। तीन तलाक का अध्यादेश लाने पर उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाए।
मौलाना ने साऊदी हुकूमत के उस फैसले पर भी एतराज़ जताया है जिसमें साऊदी हुकूमत ने आदेश जारी करके कहा है कि एक बार से ज्यादा मक्का और मदीना शरीफ़ का उमरा करने वाले लोगों पर दो हजार रियाल फीस ज्यादा देना होगा इस अधिक वसूली को वापस लिया जाए। मौलाना ने चाइना सरकार द्वारा मुसलमानों को परेशान करने का मुद्दा भी उठाया उन्होंने कहा कि चीन की हुकूमत मस्जिदों और मदरसों को बंद कर रही है। इस्लाम के अनुयायियों को पकड़ पकड़ कर जबरदस्ती ब्रेन वाश करके इस्लाम को छोड़ने और कम्यूनिज्म के नजरियात को दिलो दिमाग में बैठाने पर जोर दिया जा रहा है। इस तरह की कार्यवाही अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लघंन है। अगर चाइना की सरकार बाज नहीं आई तो हिंदुस्तान के मुसलमान विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।
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