महिला सीडीओ की दबंगई, विद्युत विभाग के अधिकारियों को अपमानित कर चेम्बर से भगाया
बलरामपुर। यूपी के बलरामपुर में महिला मुख्य विकास अधिकारी (CDO) पर विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बदसलूकी व बैठक के दौरान भगाने का गंभीर आरोप लगाया है। इस महिला अफसर की तानाशाही के विरोध में विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने लामबंद होकर सीडीओ की सभी बैठकों का बहिष्कार करने का फैसला किया है। मामले को लेकर विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता ने अध्यक्ष यूपी पावर कार्पोरेशन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग भी की है।
बलरामपुर सीडीओ कार्यालय में उस वक्त हड़कम्प मच गया जब महिला सीडीओ ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को अपने कक्ष से भगा दिया। दरअसल सीडीओ कार्यालय में गुरूवार को ग्राम स्वराज अभियान के तहत समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी जिसमें अधिशाषी अभियंता जिले के सभी उपखंड अधिकारी, अवर अभियंता, व कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। अधिशाषी अभियंता जेपीएस परिहार का आरोप है कि विकास भवन सभागार में सुबह नौ बजे बैठक आयोजित थी। एक घंटा प्रतीक्षा करने के बाद जब सीडीओ कृतिका ज्योत्सना को उपस्थिति की सूचना दी गई तब सीडीओ ने सभी को अपने कक्ष में बुलाया और बिना किसी समीक्षा के अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अपने चैम्बर से बाहर भगा दिया।
अधिशाषी अभियंता का कहना है कि सीडीओ के इस व्यवहार से विद्युत विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं और अपने कार्य को करने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं। जिले के सभी उपखंड अधिकारी व अवर अभियंताओं नें बैठक कर अध्यक्ष यूपी पावर कार्पोरेशन, मुख्यमंत्री, उर्जा मंत्री, प्रबंध निदेशक यूपी पावर कार्पोरेशन सहित तमाम अधिकारियों को संयुक्त पत्र लिखकर सीडीओ के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की मांग की है। नहीं तो विद्युत विभाग का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी सीडीओ की किसी भी बैठक में भाग नहीं लेगा।
मामले को लेकर जब सीडीओ से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया जब कि डीएम कृष्णा करूणेश ने सीडीओ कृत्तिका ज्योत्सना का बचाव करते हुए कहा कि जिले में विद्युत विभाग के अधिकारियों के कारण ग्राम स्वरोजगार अभियान की प्रगति रिपोर्ट शून्य है और अधिशाषी अभियंता के खिलाफ कार्रवाई के लिए वे शासन को पत्र लिख रहे है। अधिशाषी अभियंता अपने बचाव में ऐसा कर रहे हैं।
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