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जय श्री राम के नारों के बीच 13 मुस्लिमों ने कराया धर्म परिवर्तन, बताई इस्लाम छोड़ने की वजह

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बागपत। धर्म परिवर्तन का मामला यूपी में अक्सर सुर्खियों में रहता है। ज्यादातर धर्मपरिवर्तन के मामलों में या तो आपने दलितों को मुस्लिम या फिर ईसाई धर्मों में शामिल होते सुना होगा। लेकिन इस बार जो मामला सामने आया है वो चौंकाने वाला है। इस बार मुस्लिमों ने अपना धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म को अपनाया है। मामला उप्र के बागपत जिले का है जहां एक ही परिवार के 13 सदस्यों के एकाएक धर्म परिवर्तन से प्रशासन तक सत्ताधारी सभी हैरान हैं। इस दौरान जय श्री राम के खूब जयकारे लगे, वंदे मातरम भी गाया गया और हर हर महादेव के के साथ जलाभिषेक किया गया जानिए इन मुस्लिमों ने किन वजहों से अपने धर्म का त्याग कर दिया।

'मुस्लिम धर्म में हो रहे थे शोषण का शिकार'

'मुस्लिम धर्म में हो रहे थे शोषण का शिकार'

जय श्री राम के गूंजते जयकारे...हर हर महादेव की गूंज के बीच मंगलवार को 13 मुस्लिमों ने धर्म परिवर्तन कर लिया। ये धर्म परिवर्तन बदरखा गांव के शिव मंदिर में हुआ। इन मुस्लिमों ने खुद के शोषण और अपने ऊपर हो रहे अत्याचार से तंग आकर ये फैसला किया। पहले इन्होंने धर्म परिवर्तन का कागजी कार्रवाई पूरी की उसके बाद मंदिर में भगवान की हवन, पूजा-अर्चना कर महादेव के नारे और वंदे मातरम की हुंकार के साथ पूर्व रूप से हिन्दू धर्म को आत्मसात किया। इस दौरान पंडित ने हवन पूजन से पहले वेदी बनाई, नवग्रह की पूजा अर्चना कराई और फिर तिलक कर हवन शुरू कराया और कुछ देर बाद धर्म परिवर्तन का कार्यक्रम सम्पन्न हो गया।

 धर्म परिवर्तन को क्यों हुए मजबूर

धर्म परिवर्तन को क्यों हुए मजबूर

दरअसल, बदरखा गांव के रहने वाले अख्तर अली कुछ महीनों पहले निवाड़ा गांव जाकर रहने लगे। पहले अख्तर अली और अब धर्म सिंह के बेटे गुलहसन की 27 जुलाई को बागपत के निवाड़ा गांव में हत्या हो गई और शव फांसी के फंदे पर लटका मिला। इस हत्या के खुलासे के लिए परिवार के लोग पुलिस से मिले लेकिन आरोप है कि पुलिस ने हत्या को आत्महत्या दिखा दिया। खूब थाने के चक्कर काटे, लेकिन इंसाफ नही मिला, मुस्लिम समाज की भी पंचायत हुई, लेकिन वहाँ भी इन्हें दुत्कार दिया गया।

अब जगी इन्साफ की उम्मीद

अब जगी इन्साफ की उम्मीद

इसके बाद पुलिस की प्रताड़ना और मुस्लिम समाज के साथ ना देने से पूरे परिवार ने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला कर लिया और एसडीएम बड़ौत के यहां एफिडेविट दे दिया। इसके बाद वापस अपने गांव में बदरखा में आकर धर्म परिवर्तन कर लिया। अख्तर अली से धर्म सिंह बने और उनके बेटे दिलशाद से दिलेर सिंह, नौशाद से नरेंद्र और इरशाद से कवि बन गए और तीनों की पत्नियों, दो पोते और चार पोतियां भी शामिल हैं। हालांकि महिलाओं और पोतियों को इस कार्यक्रम से दूर रखा गया और परिवार के बच्चों सहित 7 लोग इसमें शामिल रहे। अब इन लोगों का कहना है योगी से उन्हें इन्साफ जरूर मिलेगा और जरूरत पड़े तो इसकी सीबीआई जांच भी होनी चाहिए।

जयश्री राम के नारों से गूंज उठा माहौल

जयश्री राम के नारों से गूंज उठा माहौल

धर्म परिवर्तन और नामकरण का विधि विधान से समापन होने के बाद आरती भी की गई। जय श्री राम के जयकारे लगे, वंदे मातरम भी गाया गया, और फिर हर हर महादेव के जयकारे भी लगे। ये पूरा कार्यक्रम युवा हिन्दू वाहिनी भारत के सहयोग से सम्पन्न हुआ और युवा हिन्दू वाहिनी के जिलाध्यक्ष का कहना है कि इन लोगों ने घर वापसी की है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर चल रहे माहौल के बीच 2019 लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में मुस्लिमो का धर्म परिवर्तन एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। सबसे बड़ी बात ये रही कि इस कार्यक्रम से पुलिस और प्रशासन ने दूरी बनाए रखी।

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English summary
baghpat 13 muslims converted into hindu religion tells the main reason behind this
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