आजम खां बोले, किस मुसलमान ने रोका है राम मंदिर बनाने से?
रामपुर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मसले पर सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाने के बाद जारी चर्चाओं के बीच सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खान ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम नेता राममंदिर की मुखालफत करना या राय देना बंद करें, जो कि आरएसएस को उकसा रहे हैं।
जिला रामपुर में पत्रकारों से बातचीत में आजम ने भाजपा और आरएसएस तंज कसे। उन्होंने कहा कि ''जब मस्जिद गिरी थी तब भी कानून था और अब जब वे मंदिर बनाना चाहते हैं तो भी यही कानून है। राम मंदिर बनाने से उन्हें (भाजपा-आरएसएस) कौन रोकने वाला है या किसने रोका है? कौन मुसलमान आया रोकने के लिए? किसी ने भी नहीं रोका और न ही कोई रोकने जा रहा है। कहां विवाद है?''
'सुन लीजिए सुप्रीम कोर्ट ने रोका है'
''मुसलमानों को या रोकने वालों को ये कहना कि भुगतना पड़ेगा, तो सुन लीजिए सुप्रीम कोर्ट ने रोका है। तारीख सुप्रीम कोर्ट ने बदली है। तो क्या मंत्री जी ने जो कुछ कहा? वो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के लिए तो नहीं कहा है? हमने या किसी और मुसलमान ने नहीं कहा है रोकने के लिए। अगर यह अदालत की अवमानना होती है तो अदालत को सो मोटो काॅग्निजेंस लेना चाहिए।''
''जो
करना
है,
करें''
आजम
ने
1992
में
मस्जिद
का
ढांचा
गिराने
वालों
पर
चुटकी
ली।
उन्होंने
साधू-संतों
की
पहल
वाले
बयान
पर
कहा
कि
जो
चाहें
करें
किसने
रोका
है?
6
दिसम्बर
को
किस
कानून
ने
रोका
था
जो
आज
रोक
रहें
हैं?
जो
करना
है
सो
वे
करें!
मगर
मेरा
कहना
ये
है
कि
मुस्लिम
लीडर
राममंदिर
की
मुखालफत
और
राय
देना
बंद
करें।''
आजम ने कहा कि हमारी कौम के जो लोग अध्यादेश लाने की बात का समर्थन कर रहे हैं या दूसरे पक्ष को इसके लिए उकसा रहे हैं, वे दरअसल आरएसएस के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें ही कुछ करने दें न''
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