Babri Dispute: सलमान नदवी के बाद एक और मुस्लिम धर्मगुरु ने की मस्जिद को शिफ्ट करने की वकालत
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के मसले पर जिस तरह से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के भीतर फूट देखने को मिली है उसके बाद यह साफ है कि बोर्ड में सभी सदस्यों की एक राय नहीं है। पहले मौलाना सलमान नदवी ने मस्जिद को दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने का बयान दिया और अब अन्य मुस्लिम धर्मगुरु मस्जिद को शिफ्ट किए जाने की वकालत कर रहे हैं। हालांकि मौलाना सलमान नदवी ने विवाद के बाद अपने बयान को वापस ले लिया, लेकिन उनके बयान के बाद मस्जिद को शिफ्ट किए जाने को लेकर एक नयी बहस शुरू हो गई है।
कोर्ट के बाहर निकालना चाहिए समाधान
अयोध्या में मस्जिद को शिफ्ट किए जाने के बयान के बाद सलमान नदवी ने अपना बयान वापस ले लिया और कहा कि हमे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। लेकिन उनके बयान के बाद एक बार फिर से मुस्लिम धर्मगुरु ने मौलाना के बयान का समर्थन किया है। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉक्टर जफरुल खान ने इस विवाद पर कहा कि कोर्ट से बाहर इस विवाद का समाधान निकलना चाहिए। उन्होंने मौलाना सलीम नदवी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि मस्जिद को विवादित स्थल से दूर बनाया जा सकता है।
मदीना और त्रिपोली में भी मस्जिद को शिफ्ट किया गया
जफरुल इस्लाम खान ने कहा कि मौलाना नदवी ने सही बयान दिया है और उनका बयान तार्किक है। एक न्यूज चैनल को दिए अपने लिखित बयान में जफरुल ने कहा कि हिन्दुओं और मुसलमानों ने बाबरी मस्जिद विवाद को राजनीतिक बनाकर उसे पूरी तरह से उलझा दिया है। उन्होंने पवित्र कुरान का हवाला देते हुए कहा कि मुस्लिम देशों में भी मस्जिदों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया गया है। मदीना और त्रिपोली में भी ऐसा हुआ है।
मौलाना ने दिया तार्किक सुझाव
जफरुल इस्लाम खान ने मौलाना नदवी का बचाव करते हुए कहा कि वह उन्हें पिछले तीन दशक से जानते हैं और वह बेहद ही जहीन शख्स हैं, मैं उनकी कई राय से इत्तेफाक नहीं रखता हूं लेकिन उनकी इमानदारी पर शक नहीं किया जा सकता है। अयोध्या विवाद पर उन्होंने बेहद ही तार्किक राय दी है। उन्होंने कहा कि इस पूरे विवाद में सरकारों को शामिल होना चाहिए साथ ही आरएसएस को भी इसमे शामिल होना चाहिए।