ऑटोMafia# इतना आसान नहीं है सड़क पर ऑटो दौड़ाना! योगी सरकार को बता रहे हैं पीड़ित अपना दर्द
खास रूट पर अपना ऑटो अटैच कराने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन का ये नियम आरटीओ या ट्रैफिक पुलिस का बनाया हुआ नहीं बल्कि कुछ माफियाओं का है और विरोध करने वाला चैन से ऑटो चला नहीं पाता।
कानपुर। आपने हर क्षेत्र में माफिया सुने होंगे लेकिन कानपुर में ऑटो रिक्शा माफिया का राज चलता है। इन माफियाओं के बीच इलाके बंटे हुए हैं। उनके इलाके में ऑटो-रिक्शा चलाने वाले को हफ्ता देना पड़ता है। इस माफियाराज से त्रस्त ऑटो चालकों ने यूपी के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के घर के बाहर अपने ऑटो-रिक्शा खड़े कर दिए और हड़ताल का ऐलान कर दिया।
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यूपी के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के कानपुर स्थित आवास के बाहर के बाहर ऑटो चालकों ने जमकर नारे लगाए। घर के बाहर पूरी सड़क ऑटो रिक्शाओं से पटी पड़ी है और सड़क यातायात अवरुद्ध हो गया। हड़तालियों का आरोप है कि कानपुर में ऑटो चलाने के लिए अवैध ठेकेदारों को पैसा देना पड़ता है। हर फेरे का पैसा निर्धारित है। यदि कोई नया ऑटो चालक आता है तो उसे किसी खास रूट पर अपना ऑटो अटैच कराने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन का ये नियम आरटीओ या ट्रैफिक पुलिस का बनाया हुआ नहीं बल्कि कुछ माफियाओं का है। इस नियम को न मानने वालों के साथ न केवल मारपीट की जाती है बल्कि ऑटो-रिक्शा से उसके यात्रियों को जबरन उतार दिया जाता है।
अब यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार है तो माफियाराज से मुक्ति की उम्मीद में दर्जनों ऑटो चालक एकजुट होकर कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के कानपुर आवास पर पहुंच गए और उन्होंने मुक्ति न मिलने तक हड़ताल का ऐलान कर दिया। हालाकि कुछ दिन पहले ट्रैफिक पुलिस के सीओ ने इस मामले की पड़ताल की थी और तमाम ऑटो स्टैंड को अवैध बताकर ठेकेदारों को पैसा न देने की बात ऑटो चालकों से कही थी लेकिन पुलिस द्वारा कोई सीधी कार्रवाई न किए जाने से ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं और मारपीट के बूते वो आज भी उगाही कर रहे हैं।
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