बरेली में मेनका गांधी की टीम पर हमला, आगजनी की कोशिश
बरेली। जानवरों के हित में कार्यरत केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की संस्था 'पीपुल फॉर एनीमल्स' के सदस्यों पर कोतवाली इलाके के बिहारीपुर क्षेत्र स्थित गिहारबस्ती में तस्करों ने हमला कर दिया। संस्था के सदस्य बन्दर के बच्चों की तस्करी की शिकायत पर इलाक़े में पहुंचे थे। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर संस्था के सदस्यों को भीड़ के चंगुल से बचाया। पुलिस ने मौके से दो आरोपियों को हिरासत में लिया है।
बंदर का कर रहे थे सौदा कि बेचने वाले को हुआ शक
पीएफए के सदस्य धीरज पाठक अपने साथियों के साथ कोतवाली इलाके की गिहार बस्ती पहुंचे थे। धीरज ने बताया कि उन्हें शिकायत प्राप्त हुई कि गिहार बस्ती में बंदरों के बच्चों की बिक्री चार से पांच हजार रुपये में की जाती है। धीरज ने वहां पर पहुंचकर हकीकत जानने के लिए खुद रुपए देकर तस्कर से बन्दर के बच्चे का सौदा किया लेकिन बन्दर बेचने वाले को शक हो गया और उसने रुपये जमीन पर फेंक दिए। जिसके बाद पीएफए की टीम ने एक आदमी को पकड़ लिया, फिर वहां हंगामा हो गया।
लोगों ने मेनका गांधी की टीम को घेरा
लोगों ने पीएफए के सदस्यों को घेर लिया। आरोप है कि इस दौरान उनके साथ मारपीट की गई तथा उनके वाहन में आग लगाने की कोशिश भी की गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर सदस्यों को बचाया और मौके से आरोपी राकेश और सुशील को हिरासत में लेकर कोतवाली ले आयी। कोतवाली पहुंचने के बाद पीएफए ने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को फोन पर मामले की सूचना दी। मेनका गांधी ने इस सम्बंध में एसएसपी जोगेंद्र कुमार,नगर आयुक्त आर.के.श्रीवास्तव से बात की और उचित कार्रवाई के लिए कहा।
मामले की पुलिस कर रही छानबीन
फिर तत्काल इंस्पेक्टर कोतवाली ने पीएफए के लोगों की तहरीर के आधार पर पशु अधिनियम के तहत कार्रवाई किए जाने की बात कही। पुलिस हिरासत में आरोपियों ने बताया कि वो नगर निगम के आदेश पर बंदरों को पकड़ कर जंगल मे छोड़ते हैं। बाद में बंदरों को पकड़ने के ठेके वाले भी कोतवाली पहुँचे और उसने नगर निगम की परमीशन दिखाई लेकिन बंदरों की बिक्री के सम्बंध में उसने कहा यह आरोप ग़लत है। फिलहाल कोतवाली पुलिस पूरे मामले की जांच में गहनता में जुट गई और तथ्यों का पता लगा रही है ।
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